नरेश शर्मा, रायगढ़। एक तरफ पूरे देश में हिंदू-मुस्लिम को लेकर विवाद की खबरें आती रहती हैं, तो कभी मंदिर-मस्जिद का विवाद भी सामने आता है। लेकिन छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला मुख्यालय में एक ऐसे पीर बाबा हैं जिन्हें आज़ादी के बाद से आज तक हिंदू समाज भी मानता है। जन्माष्टमी के दूसरे दिन यहां हजारों की संख्या में लोग अपने परिवार के साथ आकर चादर चढ़ाते हुए मन्नतें मांगते हैं। कहा यह भी जाता है कि पीर बाबा का यह स्थल देश का दूसरा ऐसा स्थान है, जहां साल में एक बार हिंदू पूजा-अर्चना के साथ-साथ चादर भी चढ़ाते हैं। वहीं इसकी देखरेख और मन्नतें मुस्लिम वर्ग भी मानता है। अनेकता में एकता का ऐसा उदाहरण शायद ही कहीं और देखने को मिले।

बड़ी संख्या में आते हैं लोग अपने परिवार के साथ

रायगढ़ जिला मुख्यालय में स्थित पीर बाबा यानी गोगा मंदिर की इस जगह में क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग, क्या महिला और युवा सभी पूरे सम्मान के साथ यहां आते हैं। इनके हाथ में बाकायदा पूजा-अर्चना के सामानों के साथ-साथ एक चादर भी होती है, जो मजार में चढ़ाई जाती है। उसी तर्ज पर हिंदू समाज के लोग पीर बाबा के इस स्थान में चादर चढ़ाते हैं। इतना ही नहीं, चादर चढ़ाने के बाद बाकायदा मोरपंख से सिर पर रखकर आशीर्वाद भी दिया जाता है। केवल इसी दिन जाहरवीर गोगा जी गोगा मेड़ी की इस जगह में सुबह से ही आने का सिलसिला शुरू हो जाता है और शाम-रात तक यहां मन्नतों का दौर जारी रहता है।

क्या कहते हैं हिंदू समाज के लोग

जाहरवीर गोगा जी गोगा मेड़ी बाबा के इस स्थल में आने वाले बुजुर्ग बताते हैं कि बीते 70 सालों से यहां हिंदू समाज के लोग रक्षाबंधन के त्योहार के दौरान बांधी गई राखियां चढ़ाते हैं और मन्नत मांगते हुए अपने परिवार की सुख-शांति और व्यापार में उन्नति के लिए चादर भी चढ़ाकर दुआ मांगते हैं। बातचीत के दौरान राजकुमार जैन, संजना बेरीवाल, अशोक कुमार, लता बेरीवाल बताते हैं कि भारत में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के अलावा राजस्थान में ऐसा ही एक मंदिर है, जिसमें इस प्रकार की पूजा-अर्चना व चादर चढ़ाई जाती है। यहां आने वाली महिलाएं भी बताती हैं कि वे साल में एक बार यहां आकर बकायदा पूरी आस्था के साथ चादर चढ़ाते हुए मन्नत मांगती हैं और वह पूरी भी होती है। शादी के बाद से यह सिलसिला लगातार जारी है। महिलाएं यह भी बताती हैं कि वे 20 साल से अधिक समय से अपने परिवार के साथ पीर बाबा के इस जगह में आती हैं, जिसकी मान्यता बुजुर्ग भी बताते हैं और इसलिए उनके प्रति आस्था बनी रहती है।

दोपहर को निशान यात्रा भी निकलती है

जाहरवीर गोगा जी गोगा मेड़ी की इस जगह में साल में एक बार लगने वाले मेले के रूप में हिंदू समाज के लोग बड़ी संख्या में आते हैं और इसी दिन समाज के लोग शहर से एक निशान यात्रा भी निकालते हैं जिसमें युवा, महिला व बुजुर्ग शामिल होते हुए बाकायदा पैदल चलते हुए पीर बाबा के इस स्थल में पहुंचते हैं। यह परंपरा अपने आप में इसलिए अलग है, क्योंकि इस जगह में हिंदुओं की आस्था के साथ-साथ मुस्लिम वर्ग भी यहां आते हैं। इतना ही नहीं, इस जगह की देखरेख हिंदू-मुस्लिम समाज के लोग मिलकर करते हैं और ऐसा पहली बार देखने को मिलता है जहां हिंदू पूजा-अर्चना के साथ-साथ मुस्लिम समाज की तरह चादर भी चढ़ाते हैं।