अविनाश श्रीवास्तव, सासाराम। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव आज एक बार फिर से अपनी ही पार्टी (कांग्रेस) में उपेक्षा का शिकार हुए हैं। सासाराम में राहुल गांधी के “वोट अधिकार यात्रा” के दौरान आयोजित सभा में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को मंच पर बोलने का मौका नहीं दिया गया। यहां तक की किसी नेता ने एक बार भी अपने संबोधन में पप्पू यादव का नाम तक नहीं लिया।
चेहरे पर नजर आई मायूसी
जब सामूहिक रूप से एकता का प्रदर्शन हो रहा था। उस समय भी पप्पू यादव को हाथ से हाथ मिलाकर खड़ा नहीं किया गया। बाद में जब पप्पू यादव कार्यक्रम के बाद मंच से नीचे उतरे तो, उनसे पूछा गया कि क्या आगे की यात्रा में भी वे शामिल होंगे? इस सवाल पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। हालांकि उनके चेहरे पर मायूसी साफ नजर आ रही थी।
पप्पू यादव ने काफी धीमी स्वर में कहा कि, राहुल गांधी सदी के जननायक हैं। लेकिन यात्रा में शामिल होने को लेकर सवाल का जवाब देने से बचते रहे।
पप्पू यादव का नाम तक नहीं लिया
बता दें की पप्पू यादव के समर्थक कई बार पप्पू यादव को मौका देने के लिए शोर भी करते रहे। लेकिन इसका कोई औचित्य नहीं निकला। पप्पू यादव को तो ना ही कार्यक्रम में बोलने का मौका दिया गया और ना ही किसी नेता ने संबोधन में ही सांसद पप्पू यादव का नाम लिया।
पहले भी हो चुका है अपमान
गौरतलब है कि इससे पहले भी पटना में हुए महागठबंधन की साझा रैली में पप्पू यादव और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने राहुल-तेजस्वी की बस पर चढ़ने का प्रयास किया था, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बस पर चढ़ने से रोक दिया था, जिसे लकर दोनो नताओं की खूब किरकिरी हुई थी।
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