विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र भले समाप्त हो गया हो लेकिन ये सत्र कई मायनों में खास रहा है. जिसमें पूजा पाल का निष्कासन से लगाए सहभोज पॉलिटिक्स तक शामिल है. हालिया मामला मंत्रिमंडल विस्तार से पहले यानी प्रो पावर शो ऑफ से जुड़ा हुआ है. जहां पर मंत्री बनाने के लिए सहभोज के नाम पर खेमेबाजी शुरू हो गई है. ठाकुरों की अलग लॉबी, लोधी अलग खेमे में और कुर्मी अलग लामबंदी किये हुए है. आइए जानते हैं.

दरअसल, 2026 में पंचायत के चुनाव होने है उसके बाद 2027 में विधानसभा आम चुनाव का बिगुल भी फूंक दिया जाएगा ऐसे में कुटुंब परिवार के नाम पर क्षत्रिय विधायक और मंत्री सत्र के दौरान ही एक स्थानीय होटल में बैठक किए हालांकि मीडिया को इस बैठक से दूर रखा गया था. इस बैठक में मंत्री दयाशंकर सिंह, जयवीर सिंह सपा से निष्कासित विधायक राकेश प्रताप सिंह अभय सिंह निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह समेत 40 से ज्यादा सजातीय विधायक शामिल हुए थे. अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार में समाज से मंत्री पद की घेराबंदी है. जिसमें की राकेश प्रताप सिंह और रघुराज प्रताप सिंह को मंत्री बनाने के लिए दबाव बनाया जाएगा.

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ऐसी ही एक मीटिंग 12 अगस्त को कुर्मी विधायको की भी एक बैठक हुई. जिसमें कुर्मी समाज के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के साथ एमएलसी अवनीश पटेल के अलावा 20 से ज़्यादा लोग शामिल हुए. इस मीटिंग का उद्देश्य भी केंद्रीय नेतृत्व के साथ प्रदेश के बड़े नेताओं को अपनी संख्या बल दिखाना था. जिसके तहत वो सरकार में हिस्सेदारी तो मांग ही रहे है इसके अलावा एमएलसी और राज्य सभा के लिए भी अपनी हैसियत का अंदाजा केंद्र को बताना चाहते है. आपको बता दें कि स्वतंत्र देव सिंह को योगी सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाने की स्थिति के लिए बिसात बिछाई गई थी. लेकिन मामला कुछ बना नही यही कारण है कि मानसून सत्र के दौरान ही इस तरह की बैठक करना केंद्रीय नेतृत्व को अपने ताकत का एहसास करवाने जैसा है.

16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र आंवला में लोध समाज की बैठक आहूत की. इस बैठक में समाज से जुड़े विधायक सांसद और क्षेत्रीय स्तर के नेता मौजूद थे. इस बैठक का आशय था समाज का विकास और एकजुटता लेकिन चर्चा का विषय रहा संगठन में कैसे समाज के लोगो को लाया जाए. आपको बता दें कि धर्मपाल सिंह लोध समाज से आते है और इस बार प्रदेश अध्यक्ष बनने के दौड़ में शामिल है. लोधी समाज से कुल 23 विधायक है जिसमें की 19 भाजपा और 4 समाजवादी पार्टी से है. इनकी ताकत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्वर्गीय कल्याण सिंह लोधी समाज से ही थे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. उनके पुत्र संदीप सिंह इस समय योगी सरकार में मंत्री है.

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अलग अलग खेमा भाजपा के लिए बनेगा चुनौती

जिस तरह से खेमेबाजी और गोलबंदी का दौर पिछले एक हफ्ते में सहभोज के नाम पर चला है उससे साबित होता है कि जातिगत बिसात पर ही सत्ता की कुर्सी टिकी हुई है. ऐसे में किसी समाज को कमतर आंकना भाजपा के लिए दिक्कत पैदा करेगा इसके साथ ही अगर कोई जाति भाजपा से शिफ्ट होती है तो विपक्ष को उसका फायदा मिलना तय है. ऐसे में भाजपा भी पशोपेश में है कि पंचायत चुनाव से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार और सन्गठन में प्रदेश अध्यक्ष समेत नई कार्यकारिणी का गठन चुनौतीपूर्ण होने वाला है.