राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले लगभग 8 लाख छात्रों का इस माह से निपुण भारत कार्यक्रम के तहत विषयवार आकलन किया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य छात्रों की पढ़ने-समझने की क्षमता की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित करना है. शिक्षा विभाग के अनुसार, जो स्कूल निपुण लक्ष्यों को हासिल करेंगे, उन्हें ‘निपुण विद्यालय’ घोषित किया जाएगा.

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दिल्ली सरकार ने लक्ष्य तय किया है कि वर्ष 2026-27 तक कक्षा 8वीं तक के हर छात्र को बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) प्राप्त कराई जाएगी. निपुण भारत कार्यक्रम के तहत होने वाला यह आकलन छात्रों की भाषा और गणित की दक्षता को मापेगा. शिक्षा विभाग के मुताबिक, छात्रों की प्रगति की सतत जानकारी भी एकत्र की जाएगी ताकि पढ़ाई की गुणवत्ता का विश्लेषण कर सुधार किया जा सके. इसके लिए विषयवार प्रश्न बैंक तैयार किया गया है, जिसमें तत्कालिक आधार पर प्रश्न पूछकर छात्रों की समझ और सीखने की क्षमता जांची जाएगी.

शिक्षा विभाग के अनुसार, छात्रों के लिए विषयवार प्रश्न बैंक तैयार किया गया है, जिसके आधार पर उनकी समझ और सीखने की क्षमता को परखा जाएगा. यह मूल्यांकन अलग-अलग चरणों में किया जाएगा. मौजूदा समय में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 16.6 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं, जिनमें से आठवीं तक के करीब 8 लाख छात्रों को इस कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा.

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शिक्षा निदेशालय की निदेशक वेदिता रेड्डी ने कहा, “निपुण बेस असेसमेंट से छात्रों की असल समझ का पता चलेगा. इसके परिणामों के आधार पर नई रणनीति बनाई जाएगी, जिसमें सीखने की गुणवत्ता सुधारने पर जोर रहेगा.”

इस कार्यक्रम के लिए एससीईआरटी के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. जो स्कूल निपुण लक्ष्यों को हासिल करेंगे, उन्हें ‘निपुण विद्यालय’ घोषित किया जाएगा.