रिपोर्टर सोहराब आलम/ मोतिहारी पूर्वी चम्पारण। मोतिहारी सदर प्रखंड के लखौरा क्षेत्र से फसल क्षति के नाम पर एक बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। किसान रितेश रंजन सहित कई अन्य किसानों ने जिलाधिकारी (DM) सौरभ जोरवाल और सहकारिता पदाधिकारी को आवेदन देकर इस घोटाले की जांच की मांग की है।
मुआवजे का लाभ
किसानों का आरोप है कि कृषि फसल सहायता योजना 2023 के तहत उन व्यक्तियों को मुआवजे का लाभ दिया गया है, जिनके पास कोई भूमि ही नहीं है। ऐसे गैर रैयती लाभार्थियों के खाते में 20,000 रुपए की राशि भेजी गई, जिसमें से 15,000 रुपए तक कमीशन के रूप में अधिकारियों या बिचौलियों को दिए गए।किसानों ने यह भी आरोप लगाया कि जो लोग यह कमीशन देने को तैयार नहीं थे, उन्हें इस योजना से वंचित कर दिया गया। वहीं, सहकारिता समिति द्वारा भेजी गई लाभार्थियों की सूची में 95% नाम ऐसे लोगों के हैं, जो वास्तविक किसान नहीं हैं।
सरकारी धन का गबन हो रहा
इस मामले पर वकील शिवलाल साहनी ने बताया कि जिस तरह से फसल क्षति के नाम पर सरकारी धन का गबन हो रहा है, उसे लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर करने की तैयारी की जा रही है। गांव के किसानों का कहना है कि उन्होंने उम्मीद की थी कि राज्य सरकार की ओर से उन्हें फसल क्षति की भरपाई मिलेगी, लेकिन इस योजना में भ्रष्टाचार और बिचौलियों के खेल ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। किसानों ने स्पष्ट कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी और वास्तविक किसानों को उनका हक नहीं मिलेगा, वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे।
आधिकारिक बयान सामने नहीं आया
प्रशासनिक स्तर पर अभी तक इस मामले में अब कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन किसानों की शिकायत के बाद जिला प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। फिलहाल, मोतिहारी में इस घोटाले की चर्चा पूरे जिले में है। यह मामला न सिर्फ सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि किसानों की बदहाली और भ्रष्टाचार के गठजोड़ को भी उजागर करता है।
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