भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण माझी ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य में रिक्त पड़े डॉक्टरों और प्रोफेसरों के पदों को शीघ्र भरने का निर्देश दिया है. सोमवार को लोकसेवा भवन में आयोजित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की.

बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की और रिक्त पदों को भरने पर जोर दिया. जल्द ही 1840 डॉक्टरों और मेडिकल ऑफिसरों की भर्ती की जाएगी, साथ ही 5000 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति भी होगी. विशेष रूप से आदिवासी बहुल क्षेत्रों में अधिक से अधिक डॉक्टरों की तैनाती पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इसके लिए मेडिकल ऑफिसरों की नियुक्ति प्रक्रिया को तर्कसंगत (rationalisation) करने का निर्देश दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की आवश्यकता पर बल दिया. इसके अलावा, मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटों की संख्या बढ़ाने, बुनियादी ढांचे के विकास, अन्य आवश्यक पदों को भरने और तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती को तेज करने के लिए विभागीय प्रक्रियाओं को गति देने का निर्देश दिया गया.

बैठक में दुर्घटना-प्रवण क्षेत्रों में एकीकृत ट्रॉमा केयर सेंटर स्थापित करने, उन क्षेत्रों में डॉक्टरों को प्रोत्साहन राशि बढ़ाने जहां वे जाने से हिचकते हैं, और आयुष डॉक्टरों की समस्याओं पर भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों की समस्याओं, उनकी नियुक्ति, वेतन और मेडिकल शिक्षा में सीटों की वृद्धि जैसे मुद्दों पर उचित कदम उठाने के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए.

 इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मुकेश महालिंग, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव संजीव मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव शाश्वत मिश्रा, स्वास्थ्य विभाग की आयुक्त-सचिव सुश्री अश्वथी एस, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. बृंदा डी, और ओडिशा स्टेट मेडिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की प्रबंध निदेशक डॉ. पोमा टुडू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.