राजधानी दिल्ली एक बार फिर बाढ़ की चपेट में है. यमुना बाजार जैसे निचले रिहायशी इलाकों में पानी घुटनों तक भर गया है, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोग घरों में कैद हैं और कई परिवारों को अपने सामान को ऊपरी मंजिल या छत पर शरण दिलानी पड़ी है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta)ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने मौके पर हालात का जायजा लिया और स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं. इस बीच, यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है.
यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
यमुना नदी का जलस्तर 205.48 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया है. इसके चलते निचले इलाकों में पानी घरों और गलियों में घुस गया है. कई परिवारों को जरूरी सामान लेकर छतों पर शरण लेनी पड़ी. मुख्यमंत्री गुप्ता ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और प्रशासन को राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए.
हथिनीकुंड बैराज बना चुनौती
हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जा रहे पानी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है. जानकारी के मुताबिक हाल ही में बैराज के सभी 18 फाटक खोल दिए गए, जिसके बाद यमुना नदी में पानी का प्रवाह 1 लाख क्यूसेक से अधिक हो गया. तेजी से बढ़ते जलस्तर के चलते यमुना के निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है और कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश का सिलसिला जारी रहा, तो हालात और बिगड़ सकते हैं. ऐसे में निचले क्षेत्रों में रह रहे लोगों को अलर्ट रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है.
प्रशासन अलर्ट मोड पर
दिल्ली सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए 24 घंटे कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया है. राहत और बचाव के लिए मोटर बोट, गोताखोर और मेडिकल टीमें तैनात हैं. यमुना खादर और अन्य संवेदनशील इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी चल रही है. पिछले साल के अनुभव को देखते हुए इस बार राहत शिविर पहले से ही स्थापित कर दिए गए हैं.
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