उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष (इंडिया अलांयस) ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। रेड्डी के नाम की घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की है। रेड्डी का मुकाबला एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा। एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु से आते हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने इंडिया अलायन्स के उम्मीदवार से कुछ ख़ास खुश नहीं नजर आ रही हैं, साथ ही पार्टी ने उम्मीदवार को लेकर अपनी मंशा भी जाहिर की है. सूत्रों के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस (TMC) का मानना है कि INDIA गठबंधन का उम्मीदवार तमिलनाडु से नहीं होना चाहिए.

क्या चाहती है टीएमसी ?

टीएमसी चाहती है कि विपक्ष एक नॉन-पॉलिटिकल उम्मीदवार उतारे, जो बीजेपी और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लड़ाई को मज़बूत कर सके. टीएमसी का कहना है कि यह चुनाव सिर्फ पद की लड़ाई नहीं बल्कि संविधान और “आइडिया ऑफ इंडिया” को बचाने की जंग है.

बता दें कि, टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास से निकलते समय बताया था कि “कल (मंगलवार) दोपहर 12.30 बजे मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर INDIA गठबंधन की बैठक होगी.” उन्होंने भरोसा जताया कि विपक्ष शाम तक एक मजबूत उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर देगा.

NDA ने सीपी राधाकृष्णन पर जताया भरोसा

एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर लंबा और प्रभावशाली रहा है. वह 31 जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. इससे पहले फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक उन्होंने झारखंड के राज्यपाल के रूप में काम किया. इस दौरान उन्हें राष्ट्रपति की तरफ से तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था.

राधाकृष्णन तमिलनाडु से आने वाले वरिष्ठ बीजेपी नेता हैं और सार्वजनिक जीवन में उनका अनुभव चार दशकों से भी अधिक का है. वे दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और कोयंबटूर से संसद पहुंचे थे. 2004 से 2007 तक उन्होंने तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई थी. उनकी पहचान आरएसएस विचारधारा से जुड़े एक कद्दावर नेता से जुड़ी हुई है.

कौन हैं उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी?

वहीं दूसरी तरफ, इंडिया अलायंस के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी 2007 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रहे हैं. 1946 में जन्मे सुदर्शन रेड्डी की प्रारंभिक पढ़ाई-लिखाई आंध्र में ही हुई है। उस्मानिया विश्वविद्यालय ने रेड्डी ने वकालत की डिग्री हासिल की। इसके बाद मशहूर वकील के प्रताप रेड्डी के अधीन काम शुरू किया।

अगस्त 1988 में रेड्डी को हाईकोर्ट में सरकारी वकील नियुक्त किया गया था। 1993 में रेड्डी आंध्र प्रदेश के एडिशनल जज नियुक्त किए गए। 2005 में रेड्डी को गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। 2007 में रेड्डी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। 2013 में रेड्डी को गोवा का लोकायुक्त नियुक्त किया गया था।

सरकार के साथ नहीं बनी सहमति

सरकार की कोशिश उपराष्ट्रपति के नाम पर सहमति बनाने की थी, लेकिन बात नहीं बन पाई। एनडीए ने 2 दिन पहले सीपी राधाकृष्णन के नाम की घोषणा की थी। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सभी दलों से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बी सुदर्शन रेड्डी से पहले डीएमके के तिरुचि शिवा के नाम की भी चर्चा सियासी गलियारों में चल रही थी, लेकिन इंडिया गठबंधन ने तेलंगाना से आने वाले सुदर्शन को ही उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है।

INDIA ब्लॉक ने बी. सुदर्शन रेड्डी पर क्यों लगाया दांव

दरअसल इंडिया ब्लॉक उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए किसी ऐसे चेहरे पर दांव लगाना चाहता था जिनकी विश्वसनीयता और साख सवालों से परे हो और साथ ही साथ वो गैर राजनीतिक व्यक्ति हो. रेड्डी इस मानक पर खरे उतर रहे थे.

एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन का नाम उपराष्ट्रपति पद के लिए घोषित कर द्रविड पार्टियों के लिए धर्मसंकट की स्थिति पैदा करने की कोशिश की थी. क्योंकि दक्षिण की पार्टी होकर दक्षिण के कैंडिडेट का विरोध करना उनके लिए राजनीतिक रूप से मुफीद नहीं हो सकता था. लेकिन बी सुदर्शन रेड्डी का नाम सामने लाकर INDIA ब्लॉक ने एनडीए की इस चाल को मात दे दी है. अब बी सुदर्शन रेड्डी का नाम सामने आने के बाद टीडीपी, वाईआरसीपी और बीआरएस को अपनी समर्थन रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है.

सितंबर में होंगे उपराष्ट्रपति चुनाव

उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर 2025 को होना है. यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद कराया जा रहा है. अब देखना यह होगा कि INDIA गठबंधन किस उम्मीदवार को मैदान में उतारकर एनडीए के मुकाबले में खड़ा करता है.

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