अमेरिका से टैरिफ पर तनाव के बीच भारत के लिए पड़ोसी देश चीन से राहत की खबर आई है. दोनों देश के रिश्ते में कई वर्षों बाद एक बार फिर गर्माहट दिखने लगी है और सीमा पर स्थिरता बहाल हो रही है. रिश्तों में सुधार के संकेत चीन के विदेश मंत्री वांग यी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के बीच मुलाकात के दौरान भी दिखे. चीनी विदेश मंत्री ने मुलाकात के दौरान कहा कि उन्हें खुशी है कि अब सीमाओं पर स्थिरता बहाल हो गई है. उन्होंने ये भी कहा कि यह भारत और चीन के रिश्तों में सुधार का सही वक्त है. इससे दोनों देशों के विकास को रफ्तार मिलेगी.
दरअसल, वांग यी भारत दौरे पर हैं और उन्होंने मंगलवार (19 अगस्त) को NSA डोभाल के साथ अहम मीटिंग की. इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई. वांग यी ने मीटिंग के दौरान कहा, ”पिछले साल के अंत में विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं दौर की बातचीत बहुत अच्छी रही. उस बैठक में हमने मतभेदों को दूर करने के साथ सीमाओं पर स्थिरता के लिए सहमति बनाई थी, जो कि अहम साबित हुई. हमने विशेष लक्ष्य भी बनाए थे. इस बात की खुशी है कि अब सीमाओं पर स्थिरता बहाल हो गई है.”
वांग ने की NSA डोभाल की तारीफ
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने NSA डोभाल की तारीफ में कहा, ”मैं आपके (अजीत डोभाल) भारतीय पक्ष के विशेष प्रतिनिधि के रूप में किए गए प्रयासों की सराहना करता हूँ. अब द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और विकास का एक महत्वपूर्ण अवसर हमारे सामने है.”
मतभेदों को विवाद या प्रतिस्पर्धा में नहीं बदलना चाहिए: एस जयशंकर
बता दें कि, सोमवार को नई दिल्ली में चीनी विदेश मंत्री के साथ अपनी बातचीत के दौरान, विदेश मंत्री ने कहा था कि मतभेदों को विवाद या प्रतिस्पर्धा में नहीं बदलना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि चीनी नेता की भारत यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करती है और यह वैश्विक स्थिति और आपसी हितों के कुछ मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का भी उपयुक्त समय है।
वांग यी की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए होने वाली चीन यात्रा से पहले हो रही है। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सेना की कार्रवाई के बाद भारत और चीन के संबंधों में खटास आ गई थी, जिसके कारण गतिरोध पैदा हो गया था। यह गतिरोध अप्रैल-मई 2020 में शुरू हुआ था और कुछ टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पर सहमति के कारण तनाव में कुछ कमी आई थी।
हालांकि, 2024 के ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौते पर पहुंचे, जिससे तनाव कम करने की दिशा में प्रगति हुई है। दोनों देशों ने हाल के महीनों में अपने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं। भारत ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव कम करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
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