Aja Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग में साल भर 24 एकादशियां आती हैं, लेकिन भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अजा एकादशी का महत्व सबसे अलग बताया गया है. शास्त्रों में इसे पापों का नाश करने वाली तिथि कहा गया है. मान्यता है कि इस दिन व्रत और भगवान विष्णु की उपासना करने से पिछले जन्म और वर्तमान जीवन के समस्त दोष मिट जाते हैं और साधक को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
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Aja Ekadashi 2025
इस दिन व्रत रखने से मिलता है हजारों गुना फल (Aja Ekadashi 2025)
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अजा एकादशी पर किए गए उपाय कभी व्यर्थ नहीं जाते, बल्कि साधक को हमेशा फल देते हैं. यही कारण है कि भक्त इस दिन विशेष रूप से व्रत, कथा-पाठ और दान-पुण्य करते हैं. पौराणिक कथाओं में भी उल्लेख है कि इस व्रत से राजा हरिशचंद्र को अपने कठिन समय से उबरने में सहायता मिली थी. तभी से इसे जीवन को सकारात्मक दिशा देने वाला व्रत माना जाता है. शास्त्रों में कहा गया है कि अजा एकादशी पर व्रत करने वाले को हजारों अश्वमेध और सैकड़ों राजसूय यज्ञों का फल मिलता है. साथ ही पितृ दोष और कालसर्प जैसे कष्ट भी दूर होते हैं.
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मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी (Aja Ekadashi 2025)
आध्यात्मिक दृष्टि से यह तिथि मन और आत्मा की शुद्धि का अवसर है. व्रत करने वाले को न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि जीवन में आने वाली बाधाएं भी स्वतः दूर होने लगती हैं. यही कारण है कि अजा एकादशी को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी कहा गया है. ध्यान देने वाली बात यह है कि व्रती को इस दिन सात्विक आहार, संयमित व्यवहार और सेवा कार्यों पर जोर देना चाहिए. दान में अन्न, वस्त्र और जरूरतमंदों की सहायता करने से भगवान विष्णु विशेष प्रसन्न होते हैं.
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