अमित पांडेय, डोंगरगढ़। राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के ग्राम मुसरा में मंगलवार को आसमान से अचानक एक अजीबोगरीब मशीन गिरने से ग्रामीण सहम गए। धातु जैसी संरचना वाली इस मशीन पर अंग्रेजी में “Upper Weather Atmosphere, Meteorological Department” और “South Africa Manufacturing” लिखा हुआ पाया गया। रहस्यमयी लिखावट देखकर गांव में अफवाहों का दौर शुरू हो गया है। कोई इसे अंतरिक्ष यान का टुकड़ा बता रहा है तो कोई मौसम विभाग का उपकरण। गांव के लोगों के मुताबिक, दोपहर के समय अचानक आसमान से धड़ाम की आवाज आई। जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो उन्हें लोहे जैसी बनी हुई एक मशीन जमीन पर गिरी हुई मिली। करीब से देखने पर उस पर “मौसम विभाग” और “साउथ अफ्रीका” जैसी लिखावट साफ दिखाई दी।


विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तरह की वस्तुएं अक्सर Weather Balloon (मौसम गुब्बारा) या Atmospheric Sensor का हिस्सा हो सकती हैं। ये उपकरण ऊपरी वायुमंडल में तापमान, हवा की गति, दाब और आर्द्रता मापने के लिए भेजे जाते हैं। कई बार ये गुब्बारे या यंत्र टूटकर धरती पर गिर जाते हैं। दक्षिण अफ्रीका से मैन्युफैक्चरिंग की लिखावट से साफ है कि यह मशीन किसी अंतरराष्ट्रीय रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा हो सकती है। घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने तुरंत डोंगरगढ़ पुलिस को सूचना दी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मशीन को कब्जे में ले लिया है और इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है।

फिलहाल, यह साफ नहीं हो पाया है कि यह उपकरण कहां से गिरा और किस प्रोजेक्ट से जुड़ा है, लेकिन ग्रामीणों में जिज्ञासा और दहशत दोनों का माहौल है। प्रशासन का कहना है कि वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों से राय लेकर ही इस रहस्यमयी मशीन की असलियत सामने आएगी।
क्या है ये रहस्यमयी मशीन
यह मशीन दरअसल रेडियोसोंड (Radiosonde) कहलाती है। यह एक छोटा सा बैटरी से चलने वाला मौसम वैज्ञानिक यंत्र होता है, जिसे हीलियम या हाइड्रोजन से भरे गुब्बारे के साथ ऊपरी वायुमंडल में भेजा जाता है। यह तापमान, वायुदाब, आर्द्रता और हवा की दिशा व गति जैसी जानकारियां रिकॉर्ड करके रेडियो सिग्नल के जरिए ज़मीन पर मौसम केंद्रों को भेजता है। जैसे ही गुब्बारा ऊंचाई पर जाकर फटता है, यंत्र पैराशूट या सीधे नीचे गिर जाता है। बाहर से देखने में यह अजीब लगता है, इसलिए अक्सर ग्रामीण इसे लेकर दहशत में आ जाते हैं, जबकि यह पूरी तरह हानिरहित और केवल वैज्ञानिक उपयोग का होता है।
पूर्व की घटनाएं
- मध्य प्रदेश (छतरपुर, 2021): खेत में ऐसा ही यंत्र गिरा था, जिसे ग्रामीणों ने पहले UFO समझा। बाद में मौसम विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि यह मौसम विभाग का रेडियोसोंड था।
- कर्नाटक (बीदर, जनवरी 2025): यहां जालासंगी गांव में ग्रामीणों को आसमान से गिरी रहस्यमयी मशीन मिली। पुलिस और वैज्ञानिकों ने बताया कि यह हैदराबाद के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च द्वारा छोड़ा गया मौसम अध्ययन यंत्र था।
- उत्तर प्रदेश (2020 और 2022 में कई जगह): गांवों में इस तरह के उपकरण गिरने पर अफवाहें फैल चुकी हैं, लेकिन बाद में प्रशासन ने उन्हें मौसम विभाग से जुड़ा बताया।
यानी डोंगरगढ़ के मुसरा में गिरी वस्तु भी इन्हीं की तरह एक वैज्ञानिक मौसम अध्ययन उपकरण है, न कि कोई खतरनाक मशीन।
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