रायपुर। राजधानी रायपुर में सड़क हादसों में दोपहिया चालकों की सिर पर चोट से लगातार हो रही मौतों पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने शहर के सभी दोपहिया वाहन शोरूम संचालकों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि अब हर नए वाहन के साथ हेलमेट देना अनिवार्य होगा। आदेश की अवहेलना पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

रायपुर पुलिस के मुताबिक, बीते 7 महीनों में बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों के 20,495 से भी ज्यादा चालान काटे जा चुके हैं। जागरूकता अभियान और हेलमेट वितरण जैसे प्रयासों के बावजूद बड़ी संख्या में लोग अभी भी सुरक्षा नियमों को गंभीरता से नहीं ले रहे। इसी कारण सड़क दुर्घटनाओं में केवल सात महीने के भीतर 190 लोगों की मौत हो चुकी है। कानून के मुताबिक, मोटरयान अधिनियम 1989 की धारा 138 में यह स्पष्ट है कि दोपहिया वाहन विक्रेता हर वाहन के साथ हेलमेट देना अनिवार्य है, लेकिन इसके बावजूद कई शोरूम संचालक दोपहिया वाहन खरीदने वालों को हेलमेट नहीं दे रहे हैं।
एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर शोरूम संचालकों पर मोटरयान नियम 33 से 44 के तहत कार्रवाई होगी, जिसमें व्यवसाय प्रमाण पत्र निलंबित करना या रद्द करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह कदम लोगों को हेलमेट की अहमियत समझाने और हादसों में होने वाली जनहानि को कम करने के लिए उठाया गया है।
एसएसपी ने वाहन विक्रेताओं और नागरिकों से की ये अपील
एसएसपी सिंह ने इसके साथ ही वाहन विक्रेताओं से अपील की है कि वे प्रत्येक वाहन के साथ हेलमेट अनिवार्य रूप से दें और नागरिकों से भी आग्रह किया कि सड़क पर निकलते समय हेलमेट पहनना अपनी और परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी है। एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा कि “सड़क पर कब हादसा हो जाए, यह कोई नहीं जानता। लेकिन हेलमेट जैसी सुरक्षा ढाल से जान बचाई जा सकती है। समझदारी दिखाएं, हेलमेट पहनें और सुरक्षित घर लौटें।”
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