ऑनलाइन गेमिंग की वजह से किसी बच्चे ने आत्महत्या कर ली तो कई लोग कर्ज में डूब गए और उनकी जिंदगी तबाह हो गई। ऐसी खबरें आए दिन पढ़ने को और सुनने को मिलती है। इसे देखते हुए ही सरकार अब बेटिंग या बाजी या जुआ लगाने वाले सभी ऑनलाइन गेमिंग पर रोक लगाने जा रही है। यहां तक कि जिस किसी ऑनलाइन गेम में पैसा जुड़ा है चाहे वह गेम स्किल का हो या फिर चांस का, उन सभी को प्रतिबंधित किया जा सकता है।

मोदी सरकार बुधवार को इस बिल को लोकसभा में पेश करेगी. सूत्रों के अनुसार, बिल के तहत किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान ऑनलाइन मनी गेम्स को पैसे ट्रांसफर की परमिशन नहीं होगी. साथ ही रियल मनी गेमिंग के विज्ञापनों पर रोक होगी. सरकार इसके साथ ही ई-स्पोर्ट्स और स्किल-बेस्ड नॉन-मोनेटरी गेम्स को बढ़ावा देगी.

उद्देश्य क्या है?

  • देशभर में डिजिटल सट्टेबाजी (online gambling) को नियंत्रित करना
  • सट्टेबाजी से जुड़ी एडिक्शन और धोखाधड़ी जैसी समस्याओं से निपटना
  • विभिन्न राज्यों के अलग-अलग जुआ कानूनों के बीच समन्वय स्थापित करना
  • सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को केंद्रीय नियामक बनाना
  • अधिकारियों को अवैध या पंजीकृत नहीं किए गए प्लेटफॉर्म को ब्लॉक करने का अधिकार देना

ऑनलाइन गेमिंग पर पहले ही टैक्स के दायरे में है. मोदी सरकार अपने पिछले कार्यकाल, अक्टूबर 2023 से ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर 28 फीसदी GST लागू किया हुआ है. इस वित्तीय वर्ष से इसे 2 फीसदी और बढ़ा दिया गया है. यानि वित्तीय वर्ष 2025 से ऑनलाइन गेम जीत पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है.

इस बिल में विदेशी गेमिंग ऑपरेटर भी टैक्स नेटवर्क में शामिल किए गए हैं. दिसंबर 2023 में भारतीय दंड संहिता के तहत अनधिकृत सट्टेबाजी पर 7 साल तक की जेल और भारी जुर्माने का प्रावधान लागू हुआ था.

केंद्र सरकार लगातार ऑनलाइन सट्टेबाजी और उनसे जुड़े साइट्स के ख़िलाफ़ सख्त कदम उठाते आ रही है. 2022 से फरवरी 2025 के बीच 1,400 से अधिक सट्टेबाजी और जुआ साइट्स और ऐप्स को ब्लॉक किया गया है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गेमिंग से जुड़े विज्ञापनों में वित्तीय जोखिम और संभावित लत के डिस्क्लेमर लगाने का निर्देश दिया है.

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