क्या आपने कभी सोचा था कि रेलवे स्टेशन पर भी एयरपोर्ट जैसी सख्ती देखने को मिलेगी? अब यह हकीकत बनने जा रही है. भारतीय रेलवे यात्रियों के लगेज को लेकर नए नियम लागू करने की तैयारी में है. पहले भी वजन और साइज को लेकर नियम मौजूद थे, लेकिन उन्हें उतनी सख्ती से लागू नहीं किया जाता था. अब हालात बदलने वाले हैं. स्टेशन पर प्रवेश से पहले यात्रियों को अपने बैग का वजन इलेक्ट्रॉनिक मशीन पर कराना होगा. अगर बैग तय सीमा से ज्यादा भारी निकला या साइज बहुत बड़ा हुआ—तो सीधा अतिरिक्त चार्ज या जुर्माना देना पड़ेगा.

किन स्टेशनों से होगी शुरुआत?

रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उत्तर रेलवे और उत्तर मध्य रेलवे के कुछ बड़े स्टेशनों को चुना है.

  • लखनऊ चारबाग
  • प्रयागराज जंक्शन
  • बनारस
  • कानपुर सेंट्रल
  • अलीगढ़
  • मिर्जापुर
  • गोविंदपुरी
  • इटावा

इन जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक लगेज मशीनें लगाई जा रही हैं. नियम साफ है- प्लेटफॉर्म पर वही यात्री जाएंगे जिनके बैग सीमा के अंदर होंगे.

चलिए नियमों को आसान भाषा में समझते हैं:

  1. बेसिक नियम:

हर बैग पर यात्री का नाम और पता साफ लिखा होना चाहिए.
बैग मजबूती से पैक होना चाहिए, वरना रेलवे जिम्मेदारी से बच सकता है.
अगर चाहते हैं कि लगेज उसी ट्रेन से जाए, तो डिपार्चर से कम से कम 30 मिनट पहले बुकिंग ऑफिस में जमा करना होगा.

  1. मुफ्त अलाउंस:

हर क्लास के हिसाब से सामान की मुफ्त सीमा तय है.
5–12 साल के बच्चों को आधा अलाउंस मिलता है.
ज्यादा वजन पर सामान्य रेट से 1.5 गुना चार्ज लगेगा.
अगर बैग बिना बुकिंग पकड़ा गया, तो 6 गुना जुर्माना देना पड़ेगा (न्यूनतम ₹50).

  1. भारी या बड़े सामान:

100 किलो से ज्यादा या तय साइज़ से बड़ा सामान “बल्की” कहलाएगा.
ऐसे सामान पर डबल रेट का सरचार्ज लगेगा.
इसे सिर्फ ब्रेक वैन में भेजा जा सकता है.

  1. मना किए गए सामान:

विस्फोटक, ज्वलनशील पदार्थ, गैस सिलेंडर, बदबूदार या खतरनाक चीजें बिल्कुल मना हैं.

  1. पर्सनल लगेज:

ट्रंक या सूटकेस का माप 100x60x25 सेमी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
AC 3-टियर और चेयर कार में यह सीमा और भी कम है.
बिजनेस का सामान “पर्सनल लगेज” के नाम पर नहीं ले जा सकते.

  1. ऑक्सीजन सिलेंडर:

मरीज मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर मुफ्त ले जा सकते हैं.

  1. चोरी या नुकसान:

चोरी होने पर FIR फॉर्म भरकर तुरंत शिकायत की जा सकती है.
अगर सामान पहले से डिक्लेयर नहीं किया गया, तो रेलवे की जिम्मेदारी सिर्फ ₹100/किलो तक होगी.

  1. पालतू जानवर:

कुत्तों को ब्रेक वैन या तय नियमों के हिसाब से ले जाया जा सकता है.
AC फर्स्ट क्लास में तभी ले जाएंगे, जब बाकी यात्री राजी हों.
गलत पाए जाने पर 6 गुना पेनल्टी.

  1. अतिरिक्त वजन:

सीमा से ज्यादा लेकिन बुकिंग के साथ 1.5 गुना रेट.
बिना बुकिंग पकड़े जाने पर 6 गुना रेट.

  1. साइकिल और स्कूटर:

इन पर फ्री अलाउंस नहीं है. इन्हें अलग से बुक कर चार्ज देना होगा.

भारतीय रेलवे अब सफर को और अनुशासित बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. यानी अगर आप ट्रेन पकड़ने जा रहे हैं, तो सिर्फ टिकट ही नहीं, बैग का वजन और साइज भी आपके पासपोर्ट की तरह चेक होगा.