लखनऊ. रालोद की बढ़ती सक्रियता से भाजपा विधायकों में बेचैनी बढ़ने लगी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही साथ आगरा मथुरा अलीगढ़ पर रालोद की नजर पड़ गई है. इतना ही नहीं बागपत, मेरठ, मुजफ़्फरनगर, बिजनौर सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर रालोद की नजर है. रालोद की उन सीटों पर सक्रियता बढ़ी है जिनमें पिछले कई चुनाव में सीट जीते हैं या दूसरे स्थान पर रहे हैं. रालोद की सक्रियता ने भाजपा दावेदारों की बेचैनी और बढ़ा दी है.
योगी कैबिनेट के मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने हाल ही में रालोद को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. हालांकि मंत्री के इस बयान ने गठबंधन के मोर्चे पर पार्टी को थोड़ा असहज जरूर कर दिया. उधर, रालोद खेमे से भी इसे लेकर प्रतिक्रिया हुई. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने मंत्री के इस बयान को उनकी निजी राय बता दिया था.
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जानकारी के मुताबिक बीजेपी में कुछ नेता बगावती तेवर दिखा रहे हैं. तो वहीं किसी को हैंडपंप का पानी पीने से भी कोई परहेज नहीं है. ऐसे में भाजपा की स्थिति डगमगाती हुई नजर आ रही है. सवाल ये है कि क्या रलोद आगामी विधानसभा चुनाव में बाजेपी को प्रभावित कर सकती है? एक तरह रलोद की सीटों पर पड़ती नजर, दूसरी तरफ भाजपा में कुछ नेताओं के बगावती सुर. 2027 में बीजेपी की राह कितनी आसान होगा या इस रास्ते में कितनी चुनौतियां आएंगी ये तो भविष्य ही बताएगा.
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