अरविन्द मिश्रा, बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ में NHM संविदा कर्मचारी संघ विगत 3 दिनों से नियमितीकरण और संविलियन समेत 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. इसी दौरान धरना प्रदर्शन के तीसरे दिन आज जब प्रदर्शनकारियों ने संविदा को कूप्रथा बताते हुए इसका पुतला दहन करने लगे, तो प्रशासननिक अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया. इसे लेकर प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि शासन को पुतले की चिंता है, लेकिन अपने कर्मचारियों और उनके भविष्य की चिंता नहीं है.


प्रदर्शनकारियों ने कहा कि संविदा जैसी कुप्रथा से संबंधित पुतले का दहन करने से रोकना यह दर्शाता है कि शासन हमारी नहीं पुतले की ज्यादा चिंता करती है. इसके साथ ही उन्होंने पुतले की प्रशासनिक अधिकारी के सामने डंडे से पिटाई कर अपना आक्रोश प्रकट किया.

संघ के अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत प्रदेश के 16 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी इस समय अनिश्चितकालीन आंदोलन पर हैं जिसमें बलौदा बाजार जिले में काम करने वाले 500 कर्मचारी भी स्थानीय दशहरा मैदान में आंदोलन के दौरान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान विविध प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से सरकार की नीतियों का विरोध किया जा रहा है. इस कड़ी में आज संविदा कुप्रथा का पुतला दहन करने का प्रयास किया गया जिसे प्रशासन ने रोक दिया तथा पुतला को पुलिस उठा कर ले गई. जाते-जाते कर्मचारियों ने इस संविदा कुप्रथा के पुतले की लाठी डंडों से पिटाई करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन किया.
पुतला दहन करने जा रहे कर्मचारियों ने बताया कि, कानून का सम्मान करते हुए उन्होंने पुतला दहन के संबंध में फोन के माध्यम से प्रशासन को अवगत कराया था जिस पर प्रशासन ने इसे रोक दिया. कर्मचारियों ने इस बात से दुःख और आक्रोश जताया कि प्रशासन को जिंदा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी के दुख दर्द की चिंता से अधिक बेजान पुतले की परवाह ज्यादा है.
संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने बताया कि आंदोलन के कारण ग्रामीण क्षेत्र के आयुष्मान आरोग्य मंदिर सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा जिला अस्पताल की भी स्वास्थ्य व्यवस्था डगमगा रही है. आने वाले मरीजों को भी इलाज उपचार तथा जांच के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है या फिर परेशान होकर वह वापस लौट जा रहे हैं. और यह सरकार जो कहती है वह कर नहीं रही मोदी की गारंटी की घोषणा आज तक अमल में नहीं लाई है इनके कहने और करने में अंतर नजर आ रहा है.
ये हैं 10 सूत्री मांग-
- संविलियन एवं स्थाईकरण
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
- ग्रेड पे निर्धारण
- लंबित 27% वेतन वृद्धि कार्य
- मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता
- नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण
- अनुकंपा नियुक्ति
- मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा
- स्थानांतरण नीति
- न्यूनतम 10 लाख तक कैशलेश चिकित्सा बीमा सुविधा
प्रदर्शन में यशवंत पटेल, विनोद देवांगन, आलोक दुबे, फ्रैंकलिन रात्रे, विनोद साहू, मोहिंदर कुमार संगीता, खोगेश्वर पटेल ,राजेश डहरिया, विकास जायसवाल डोमन कुमार, हेमंत सिन्हा, गौतम साहू , दिनेश कुमार, नरेंद्र वर्मा, गंगाराम धीवर, मंजू साहू सहित अनेक कर्मचारी उपस्थित रहे.
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