वीरेंद्र कुमार, नालंदा। जिले के एक निजी मैरिज हॉल में बुधवार को मुखिया महासंघ की ओर से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय ने की, जबकि संचालन राजगीर भूई पंचायत के मुखिया सुनील कुमार ने किया। बैठक में जिले के सैकड़ों पंचायत प्रतिनिधि शामिल हुए।

बैठक का मुख्य उद्देश्य 24 अगस्त को पटना के बापू सभागार में प्रस्तावित जनप्रतिनिधि महासम्मेलन की तैयारियों को अंतिम रूप देना था। इस दौरान महासंघ के पदाधिकारियों ने जिले के पंचायत प्रतिनिधियों को महासम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आह्वान किया।

सीमित हो रही पंचायतों की भूमिका

प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश कुमार राय और सुनील मुखिया ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था को लगातार कमजोर किया जा रहा है। मनरेगा योजना बंद होने से ग्रामीणों का रोजगार प्रभावित हुआ है, राशन कार्ड, पेंशन और जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जैसी सेवाओं को पंचायत के बजाय अन्य एजेंसियों को सौंपा जा रहा है, जिससे पंचायतों की भूमिका सीमित हो गई है।

पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन

नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार के पूर्व निर्णयों के विपरीत कई अधिकारी कार्य कर रहे हैं और पंचायत प्रतिनिधियों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं। डोंगल छीनने, योजना राशि रोके जाने और जनप्रतिनिधियों को सम्मान न मिलने जैसे मुद्दे भी बैठक में उठाए गए।

उन्होंने कहा कि, पंचायत प्रतिनिधि सिर्फ योजनाओं के क्रियान्वयनकर्ता नहीं, बल्कि लोकतंत्र के जमीनी स्तंभ हैं। अगर सरकार ने पंचायतों को सशक्त करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले चुनाव में जनप्रतिनिधि जवाब देने को तैयार हैं।

ये भी पढ़े- ‘जेल से नहीं चल सकती सत्ता’, आपराधिक छवि वाले नेताओं को हटाने संबंधी बिल पर PK ने साफ किया अपना रुख

छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें