रायपुर। शिकारपुरी महिला मंडल समता कालोनी विंग के द्वारा भगवान गणेश की मूर्ति बनाने के लिए एक इकोफ्रेंडली कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस आयोजन में महिलाओं को मिट्टी से भगवान गणेश की मूर्ती बनाना सिखाया गया.

Eco Friendly Ganesha : एक प्रेरणादायक पहल

शिकारपुरी महिला मंडल समता कालोनी विंग की सचिव एकता छाबरिया ने कहा कि यह कार्यशाला अपने आप में एक बेहद प्रेरणादायक और शानदार पहल रही, जिसमें ईको-फ्रेंडली गणपती बनाना सीखकर लोग उन्हें अपने घर में स्थापित तो करेंगे ही, साथ ही गणेश पक्ष में उनकी पूजा अर्चना करने के बाद बप्पा को अपने ही घर में उसका विसर्जन भी कर सकेंगे. इससे सभी को गणपती बप्पा की केमिकल और कलर फ्री मूर्ती मिल सकेगी और पर्यावरण को कलर-केमिकल से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा. 

पर्यावरण की देखभाल : सभी की नैतिक जिम्मेदारी

शिकारपुरी महिला मंडल समता कालोनी विंग की अध्‍यक्ष राधिका आहूजा ने बताया कि इस कार्यशाला का आयोजन भी इसी उद्देश्य से किया गया था कि लोग अपनी भक्ति के साथ-साथ पर्यावरण के प्रति जागरुक हो सकें और उसे दूषित होने से बचाकर अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभा सकें. इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि जब हम अपने आराध्य की मूरत अपने हाथों से बनाते हैं, तो भगवान के प्रति श्रद्धा और प्रेम और भी बढ़ जाती है और भक्ति का फल जरूर मिलता है. 

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इस कार्यशाला में शिकारपुरी महिला मंडल समता कालोनी विंग की अध्‍यक्ष राधिका आहूजा, सचिव एकता छाबरिया, उपाध्‍यक्ष मंजू बजाज समेत उनकी टीम ने म्यूरल आर्टिस्ट नेहा एशप्लिया और राहुल पवन के साथ मिलकर सभी महिलाओं और लड़कियों को मिट्टी से गणपती बनाना सिखाया.