लखनऊ. मोदी सरकार (Modi Government) गंभीर आपराधिक केस में गिरफ्तार होने या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का कानून बनाने जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को लोकसभा में 130वां संविधान संशोधन बिल पेश किया गया. इस बिल को राजनीति में अपराध को रोकने की दिशा में सरकार का यह एक बड़ा कदम बताया है. इसका उद्देश्य प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है तो उन्हें उनके पद से हटाया जा सके. जिसे लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती का बयान सामने आया है. मायावती ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए मायावती ने कहा, केन्द्र सरकार ने कल संसद में, भारी हंगामे के बीच लाया गया 130वां संविधान संशोधन बिल, देश में पिछले कुछ वर्षों से चल रहे राजनैतिक हालात में यह स्पष्टतः लोकतंत्र को कमज़ोर करने वाला लगता है. इसका सत्ताधारी पार्टियां अपने-अपने लाभ, स्वार्थ और द्वेष में ज्यादातर इसका दुरुपयोग ही करेंगी, ऐसी जनता को आशंका. अतः इस बिल से हमारी पार्टी कतई भी सहमत नहीं है. सरकार इसे देश के लोकतंत्र और संविधान के हित में जरूर पुनर्विचार करें तो यह उचित होगा.

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130वां संविधान संशोधन बिल 2025

संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों में कहा गया है कि संविधान में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी और हिरासत की स्थिति में हटाया जा सके. इसलिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन कर प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्री, राज्यों और दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का प्रावधान करने की ज़रूरत है. वहीं, नए प्रावधानों के तहत यदि कोई मंत्री, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या राज्यों को मंत्री शामिल हैं को पांच साल या उससे ज्यादा की अवधि की सजा वाले अपराध के लिए लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है तो उसे पद से हटाया जा सकता है.