संसद के मॉनसून सत्र का आज आखिरी दिन था लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो चुकी है. लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच की तकरार खत्म होती नहीं दिख रही है. मॉनसून सत्र के समापन के मौके पर लोकसभा स्पीकर से लोकसभा के सभी सदस्यों के लिए टी मीटिंग रखी थी. लेकिन विपक्ष का कोई भी सदस्य इस मीटिंग में नहीं पहुंचा. विपक्ष ने पीएम मोदी द्वारा आयोजित इस चाय पार्टी का बहिष्कार (Opposition Boycotted Tea Meeting) कर दिया. इसे लेकर पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा.

‘युवा नेताओं से घबरा गए हैं राहुल गांधी’

पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष में, खासकर कांग्रेस में बहुत से युवा नेता बेहद प्रतिभाशाली हैं, लेकिन परिवार की असुरक्षा की वजह से इन युवाओं को बोलने का मौका नहीं मिलता. पीएम ने कहा संभव है कि यही युवा नेता राहुल गांधी को असुरक्षित और घबराहट में डाल रहे हों. शायद राहुल गांधी इन युवा नेताओं से घबरा गए हैं.

‘टी मीटिंग’ में पीएम मोदी ने की सत्तापक्ष की तारीफ

पीएम की टी मीटिंग में शामिल होने विपक्ष का कोई नेता नहीं पहुंचा. लेकिन पीएम की टी मीटिंग में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों के नेता मौजूद रहे. पीएम मोदी ने टी मीटिंग में संसद के मॉनसून सत्र को अच्छा बताते हुए कहा कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए.

उन्होंने सत्तापक्ष की तारीफ करते हुए कहा कि ऑनलाइन गेम्स विधेयक पारित होना दूरगामी असर डालेगा. खासतौर पर, इसका प्रभाव जनता पर पड़ेगा. पीएम मोदी ने टी पार्टी में मौजूद सांसदों से कहा कि यही वह मुद्दा है, जिस पर ज्यादा चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष बड़े-बड़े विधेयकों पर चर्चा में शामिल हो सकता था, लेकिन वे केवल व्यवधान डालने में लगे रहे.

‘टी मीटिंग’ में नहीं पहुंचा विपक्ष का कोई भी नेता

बता दें कि हर सत्र समापन के बाद स्पीकर सभी दलों के फ्लोर लीडर्स के साथ चाय पर बैठक कर औपचारिक रूप से धन्यवाद देते हैं. लेकिन आज मॉनसून सत्र के समापन पर हुई बैठक में विपक्ष से कोई भी नेता बैठक में नहीं पहुंचा. लोकसभा स्पीकर ही नहीं पीएम मोदी ने भी चाय पार्टी के बायकॉट को लेकर विपक्ष के रवैये पर निराशा जताई.

120 घंटे में केवल 37 घंटे ही हुई चर्चा

गौरतलब है कि लोकसभा में मॉनसून सत्र के दौरान चर्चा के लिए 120 घंटे का समय बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में तय किया गया था, लेकिन सदन में केवल 37 घंटे ही चर्चा हो सकी. लोकसभा में चर्चा के लिए तय 83 घंटे गतिरोध की भेंट चढ़ गए. लोकसभा में इस दौरान कुल 14 बिल पेश हुए.

इनमें जनविश्वास बिल सलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया. वहीं, पीएम-सीएम रिमूवल बिल संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया है. बाकी 12 विधेयक लोकसभा से पारित हो गए. ज्यादातर विधेयकों पर गतिरोध के कारण चर्चा नहीं हो सकी और इन्हें बिना चर्चा के ही पारित कर दिया गया.

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