लोकसभा से लेकर राज्यसभा तक... संसद में कैसे पास होता है कोई बिल

भारत में कोई भी कानून बनाने और उसे निरस्त करने का अधिकार संसद के पास है.

चलिए जानते हैं कि कोई भी नया कानून बनाने के लिए किन-किन प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता है.

संसद में बिल

सबसे पहले बिल को किसी एक सदन लोकसभा या राज्यसभा में पेश किया जाता है. बिल दो प्रकार के होते हैं. सरकारी बिल, जो सरकार द्वारा लाए जाते हैं और निजी सदस्य बिल, जो सांसदों द्वारा पेश किए जाते हैं.

विचार-विमर्श और समिति

सदन के सदस्य बिल के हर पहलू पर अपने विचार रखते हैं. कई बार बिल को गहन जांच के लिए संसदीय समिति को भेजा जाता है.

मतदान

चर्चा पूरी होने के बाद बिल को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए सांसदों की वोटिंग कराई जाती है.

राष्ट्रपति की स्वीकृति

जब दोनों सदन बिल को मंजूरी दे देते हैं तो इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है. राष्ट्रपति तीन विकल्प चुन सकते हैं. बिल को मंजूरी देना, उसे वापस भेजना या कुछ समय के लिए रोकना.

कानून बनना

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बिला कानून बन जाता है. इसे गजट में प्रकाशित करके सरकार अधिसूचना जारी करके देशभर में लागू कर दिया जाता है.