लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि प्रदेश में कहीं भी खाद-उर्वरकों की कमी नहीं है. सभी मंडलों में पर्याप्त मात्रा में खाद की उपलब्धता है और किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं. सरकार ने कालाबाजारी और ओवररेटिंग पर कड़ा रुख अपनाया है. कृषि विभाग ने मंडलवार खाद की उपलब्धता के ताजा आंकड़े जारी किए हैं.

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प्रदेश में खाद की स्थिति

कृषि विभाग के अनुसार, प्रदेश में कुल 6.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 3.93 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 3.02 लाख मीट्रिक टन एनपीके की उपलब्धता है. इसका अर्थ है कि खरीफ सीजन के दौरान किसानों के लिए खाद का पर्याप्त भंडार मौजूद है. मुख्यमंत्री योगी ने किसानों से अपील की है कि वे खाद का अनावश्यक भंडारण न करें. जितनी जरूरत हो, उतनी ही मात्रा में खाद लें. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और समय-समय पर खाद की उपलब्धता व वितरण पर नजर रख रही है.

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किसानों को मिल रहा सब्सिडी का लाभ

योगी सरकार किसानों के हित में लगातार कदम उठा रही है. यूरिया का वास्तविक मूल्य 2,174 रुपये प्रति बैग है, लेकिन सब्सिडी के चलते यह किसानों को मात्र 266.50 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है. समय से खाद, बीज और सिंचाई सुविधाओं की वजह से प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 737 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है. कृषि क्षेत्र से जुड़ा जीएसवीए, जो सपा शासन के दौरान 2 लाख करोड़ रुपये था, अब बढ़कर 7 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

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खाद की कालाबाजारी पर लगातार कार्रवाई

खरीफ 2024-25 में अब तक 32.07 लाख मीट्रिक टन खाद की बिक्री हुई है, जो पिछले वर्ष से 4.5 लाख मीट्रिक टन अधिक है। रबी 2025-26 सीजन के लिए सरकार ने 138.78 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4 लाख हेक्टेयर अधिक है। किसानों को 10 लाख क्विंटल अनुदानित बीज और लगभग 12.80 लाख मिनी किट उपलब्ध कराई जाएंगी, जबकि गन्ना किसानों को दलहन-तिलहन की बोआई के लिए नि:शुल्क बीज दिए जाएंगे। सीमावर्ती जनपदों में खाद-यूरिया की तस्करी रोकने के लिए चौकसी बढ़ाई गई है और कालाबाजारी, जमाखोरी तथा तस्करी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई लगातार जारी है.

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