कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। दफ्तर में कुर्सी और कुर्सी पर अधिकारी का बैठना जरूरी होता है। लेकिन ग्वालियर में ऐसा मामला सामने आया है जहां ऑफिस है, अधिकारी है, लेकिन उस अधिकारी के बैठने के लिए कुर्सी ही नहीं है। अधिकारी दफ्तर में जमीन पर बैठकर काम करता है।
दरअसल, यह मामला थाटीपुर स्थित मध्य प्रदेश भवन विकास निगम सम्भागीय ऑफिस का है। जहां पदस्थ सहायक महाप्रबंधक सतीश कुमार डोंगरे को जनवरी 2024 से अपनी कुर्सी टेबल की दरकार है। सतीश कुमार हर रोज दफ्तर पहुंचकर, चटाई बिछाकर जमीन पर बैठ जाते है, इस तरह सहायक महाप्रबंधक सतीश कुमार डोंगरे की ऑफिस में कामकाज की शुरुआत होती है।
ये भी पढ़ें: रीवा के बाद ग्वालियर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव: CM डॉ मोहन होंगे शामिल, केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने अंचल में रोजगार सृजन की दिशा में बताया बड़ा कदम
उप महाप्रबंधक के दफ्तर में सब मौजूद
ऑफिस में रहते हुए सतीश कुमार अपना सभी सरकारी कामकाज जमीन पर बैठकर ही करते हैं क्योंकि उन्हें जनवरी 2024 से अभी तक टेबल कुर्सी नहीं मिल सकी है। जबकि इसी दफ्तर के अंदर उनकी ही बराबरी की पोस्ट वाले दूसरे सहायक महाप्रबंधक के चैम्बर में बाकायदा कुर्सी टेबल कूलर उपलब्ध कराया गया है। उप महाप्रबंधक के दफ्तर में भी यह सब मौजूद है।

जातिगत भेदभाव का आरोप
सतीश कुमार डोंगरे का आरोप है कि उनके साथ जातिगत भेदभाव किया जा रहा है। पहले षडयंत्र पूर्वक उनका ट्रांसफर गृह जिले से 900 किलोमीटर दूर बालाघाट से ग्वालियर किया गया। जनवरी 2024 में जॉइनिंग के बाद से अभी तक उन्हें कुर्सी टेबल उपलब्ध नहीं कराई गई है। जबकि सहायक महाप्रबंधक होने के चलते उन्हें नियम अनुसार एग्जीक्यूटिव कुर्सी टेबल अलॉट है। सतीश कुमार डोंगरे ने एक ही दफ्तर में इस तरह के व्यवहार पर मध्य प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग में भी इसकी शिकायत की है।
भ्रष्टाचार और जानबूझकर नहीं देने की कही बात
सतीश डोंगरे ने यह भी बताया है कि उप महाप्रबंधक ग्वालियर दफ्तर से एग्जीक्यूटिव कुर्सी टेबल खरीदी के लिए कोटेशन और नोट सीट भोपाल महाप्रबंधक कार्यालय भेजी जा चुकी है, लेकिन वहां पदस्थ अधिकारियों के द्वारा या तो उनकी कुर्सी टेबल को कागजों में खरीद कर भ्रष्टाचार कर लिया गया या फिर जानबूझकर जनवरी 2024 से अभी तक उन्हें कुर्सी टेबल उपलब्ध नहीं कराई गई है।
ये भी पढ़ें: भोपाल के बड़ा तालाब किनारे बनी दो मस्जिदों को हटाने का आदेश: NGT के ऑर्डर के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा वक्फ बोर्ड, कहा- सालों से बने है ये पक्के निर्माण
बहरहाल सतीश कुमार डोंगरे ने तय कर लिया है कि वह अब इसी तरह जमीन पर बैठकर ही अपने ऑफिस का कामकाज करते रहेंगे। लेकिन हैरानी वाला सवाल यह भी है कि सहायक महाप्रबंधक जैसी बड़ी पोस्ट पर पदस्थ सतीश कुमार डोंगरे को आखिर क्यों अभी तक कुर्सी टेबल उपलब्ध नहीं कराई गई है?

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें