हर्षित तिवारी, खातेगांव। देवास जिले के बागली क्षेत्र से महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। नियुक्ति के लिए खुलेआम पैसों की मांग किए जाने का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें विभाग के संविदा पर पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर आकाश चौहान एक अभ्यर्थी से सीधे-सीधे भर्ती के एवज 2 लाख की डील करते सुनाई दे रहे है। हालांकि लल्लूराम डॉट कॉम इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।

शासन ने ग्राम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के कुल 45 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की थी। इन पदों के लिए 1350 से अधिक आवेदन आए थे। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इसे पूरी तरह से ऑनलाइन किया गया। लेकिन इसके बावजूद भ्रष्टाचार और लेन-देन की शिकायतें लगातार सामने आती रहीं। मामला तब गरमाया जब राधेश्याम नामक व्यक्ति की पुत्री की नियुक्ति के लिए ऑपरेटर आकाश चौहान ने फोन पर 2 लाख रुपये की मांग की। मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच शुरू करने की घोषणा की।

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वायरल ऑडियो में सुना जा सकता है कि ऑपरेटर चौहान भर्ती में पैसों के बदले चयन की गारंटी दे रहा है। इतना ही नहीं, वह यह भी दावा कर रहा है कि वरिष्ठ अधिकारियों तक रुपये पहुंचेंगे, तभी नियुक्ति संभव होगी। इस ऑडियो ने पूरी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं और विभाग की विश्वसनीयता को संदेह के घेरे में डाल दिया है। हालांकि लल्लूराम डॉट कॉम इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है। इधर, परियोजना अधिकारी का कहना है कि केवल ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच निष्पक्ष होगी और दोषी पाए जाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

ऑपरेटर और शिकायतकर्ता के बीच में हुई बातचीत…

पहले रिश्वत की डील की बातचीत

आकाश: “हेलो…”
शिकायतकर्ता: “हां, आकाश भैया…”
आकाश: “आ जाओ कल तुम…”
शिकायतकर्ता: “कल आ जाऊं? हां जी…”
आकाश: “पूरा लेकर आओगे?”
शिकायतकर्ता: “आधा लेकर आऊंगा…”
आकाश: “पूरा कर दो और वहीं…”
शिकायतकर्ता: “आधा लेकर आऊंगा।”
आकाश: “आधा बाद में दे देना…”
शिकायतकर्ता: “आज बारिश बहुत हो रही है…”

इस बातचीत से स्पष्ट है कि भर्ती प्रक्रिया में पैसे की अदायगी को लेकर सौदेबाजी की जा रही थी।

रिश्वत की डील की बातचीत

फिर भर्ती को लेकर सौदेबाजी

दूसरी कॉल रिकॉर्डिंग में आकाश चौहान और राधेश्याम के बीच संवाद हुआ। बातचीत में आकाश भर्ती में पैसे लेकर चयन सुनिश्चित करने की बात कर रहा है।

आकाश: “आपके कंजर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती निकली है…”
राधेश्याम: “हां, भर्ती निकली थी…”
आकाश: “कोई है क्या अपना वाला?”
राधेश्याम: “इस बार तो ऑनलाइन है न?”
आकाश: “पहले आवेदन ऑफलाइन होते थे, अब ऑनलाइन है। आया तो हमारे पास है। रास्ता लगेगा…लग ही जाएगा।”
राधेश्याम: “नंबर किसका आ रहा है?”
आकाश: “गांव से 40 आवेदन आए हैं। करना किसका है, ये हमारे हाथ में है।”
राधेश्याम: “जो जायज होगा, उसका होगा न?”
आकाश: “हाँ, बागली आ जाओ…फिर बात करते हैं।”

भर्ती को लेकर सौदेबाजी

इस रिकॉर्डिंग से स्पष्ट होता है कि चयन प्रक्रिया पर पूरी तरह से प्रभाव डालने की क्षमता का दावा किया जा रहा है और पैसे लेकर चयन पक्का करने की बात भी सामने आई है।

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गौरतलब है कि शासन द्वारा इस बार भर्ती प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का उद्देश्य ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना था। लेकिन बागली महिला एवं बाल विकास विभाग के इस ताजा प्रकरण ने पूरी प्रक्रिया को संदेहास्पद बना दिया है। आवेदकों और ग्रामीणों में गुस्सा है कि जिन पदों पर गरीब और जरूरतमंद महिलाओं की नियुक्ति होनी चाहिए थी, वहां खुलेआम पैसों की सौदेबाजी हो रही है। इस मामले ने साफ कर दिया है कि पारदर्शिता और ऑनलाइन व्यवस्था के बावजूद भ्रष्ट मानसिकता और पद का दुरुपयोग भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। अब सबकी नजरें जांच रिपोर्ट और आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं। ग्रामीणों की मांग है कि दोषियों को बख्शा न जाए और पूरी भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए।

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