सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने सभी जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री द्वारा अनुग्रह राशि वितरण के संबंध में दिए गए निर्देशों से अवगत कराया. विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने आगामी कुछ दिनों में मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए सावधानी बरतने और नदी, नालों के जल स्तर पर नियमित रूप से निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं.

इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक के माध्यम से मानसून से उत्पन्न स्थितियों की समीक्षा की. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि मानसून अवधि में अब तक हुई विभागीय क्षति का आकलन कर जल्द से जल्द इसकी विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जाए. उन्होंने कहा कि इससे एसडीआरएफ और एसडीएमएफ मद में भारत सरकार से अतिरिक्त धनराशि प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव यथाशीघ्र भेजे जा सकेंगे.

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जनपदों के पास पर्याप्त राशि- सीएम

विनोद कुमार सुमन ने एसडीआरएफ, नॉन एसडीआरएफ, एसडीएमएफ में खर्च की गई धनराशि के बारे में भी जनपदों से जानकारी ली. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश हैं कि जनपदों के पास आपदा राहत/बचाव और पुनर्निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, इसे हर हाल में समय पर खर्च किया जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश भर में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.

इस अवसर पर बैठक में राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने कहा कि अभी भी मानसून अवधि का डेढ़ महीना शेष है, ऐसे में सभी जनपदों को हर समय अलर्ट रहने की आवश्यकता है. उन्होंने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और नदियों के साथ ही अन्य संवेदनशील स्थानों में आम जनमानस की जागरूकता और उन्हें अलर्ट करने के लिए साइनेज अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आपदाओं का सामना करने के लिए प्रत्येक स्तर पर अलर्टनेस बहुत जरूरी है तभी हम जान माल के नुकसान को कम कर सकते हैं. उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से सभी जनपदों में हर रोज समीक्षा बैठक की जाए. साथ ही स्कूली और कॉलेज के छात्र-छात्राओं, के साथ ही व्यापारियों का भी वाट्सएप ग्रुप बनाया जाए.