शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर घमासान मचा हुआ है। खासकर भोपाल जिले में नियुक्तियों का सबसे ज्यादा विरोध देखने को मिल रहा है। पार्टी के कुछ नेता लगातार बड़े नेताओं पर सेटिंग के जरिए जिला अध्यक्ष बनाने के गंभीर आरोप लगा रहे हैं। 

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भोपाल, इंदौर, उज्जैन, देवास, नर्मदापुरम, और जबलपुर समेत कई जिलों में विरोध की तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश संगठन ने विरोध करने वाले नेताओं को पहले ही चेतावनी पत्र जारी कर दिया है। अब अगले दो दिनों में इन नेताओं पर बड़ी कार्रवाई की संभावना है। प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी को इस मामले की पूरी रिपोर्ट सौंपी गई है, और पार्टी अनुशासनहीनता को लेकर सख्त रुख अपनाने की तैयारी में है।

लिस्ट जारी होने के बाद से मचा बवाल 

मध्य प्रदेश में कांग्रेस द्वारा 71 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद पार्टी के भीतर व्यापक विवाद और असंतोष देखने को मिल रहा है। 16 अगस्त को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा जारी इस सूची में 6 मौजूदा विधायकों, 11 पूर्व विधायकों, 3 पूर्व मंत्रियों, 4 महिलाओं, 12 ओबीसी, 10 अनुसूचित जनजाति (ST), 8 अनुसूचित जाति (SC) और 3 अल्पसंख्यक वर्ग के नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। इस सूची में कुछ प्रमुख नाम शामिल हैं, जैसे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को गुना, महेश परमार को उज्जैन ग्रामीण, और सिद्धार्थ कुशवाहा को सतना का जिला अध्यक्ष बनाया गया है। हालांकि, इन नियुक्तियों ने कई जिलों में कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच नाराजगी पैदा कर दी है। 

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