कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला अस्पताल के प्रसूति गृह में डिलीवरी के नाम पर अवैध वसूली का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां भर्ती एक गर्भवती महिला ने नर्सों पर 5000 रुपए मांगने की शिकायत की है, वही डिलीवरी के दौरान गलत इलाज करने का आरोप भी लगाए हैं। मामले की शिकायत CM हेल्पलाइन में भी की गई है।

पैसा नहीं दिया तो कर दिया बड़ा घाव 

मुरार के घासमंडी निवासी मनीषा शर्मा 13 अगस्त को डिलीवरी के लिए यहां भर्ती हुई थी। डिलीवरी कराने से पहले अस्पताल की नर्सो और कर्मचारियों ने उनसे 5000 की मांग की। परिवार ने जब रुपया नहीं दिया तो। डिलीवरी के दौरान मनीषा को बड़ा घाव कर दिया गया। मनीषा का कहना है कि यहां के कर्मचारी और नर्स गर्भवती महिलाओं से अवैध वसूली करते हैं।

पीड़िता ने सीएम से लगाई कार्रवाई की गुहार 

प्रसूति गृह में आसपास की गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए आती है। अटेंडरों का कहना है कि यहां नर्सों और कर्मचारियों द्वारा गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के एवज में 2 से 5 हज़ार रुपए तक की वसूली की जाती है। गर्भवती महिलाओं के परिवार वालों से डिलीवरी के पहले ही रूपए की वसूली की जाती है। महिला रचना ने CM से इस मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई है।

शिकायत के बाद हरकत में आए अधिकारी 

अस्पताल में भर्ती पीड़िता ने CM हेल्पलाइन में शिकायत की तो  जिला अस्पताल मुरार के अधिकारी हरकत में आए। सिविल सर्जन डॉ राकेश शर्मा ने मामले की जांच लिए कमेटी बना दी है। 4 क्लास-1 डॉक्टर्स-ऑफिसर को जांच कमेटी का सदस्य बनाया है, सिविल सर्जन ने कहा कि कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। सिविल सर्जन के मुताबिक जिला अस्पताल में बीते 2 साल के अंदर रिश्वतखोरी और वसूली के मामले में छह लोग सस्पेंड किए गए हैं।

जिला अस्पताल के प्रसूति गृह में वसूली का यह पहला मामला नहीं है। हर साल दर्जनों शिकायत हो चुकी है। डेढ़ साल के अंदर यहां 6 लोग सस्पेंड हो चुके हैं। इस बार मामला CM तक पहुंचा है। देखना यह है कि क्या कोई ठोस कार्रवाई होती है, जिससे गर्भवती महिलाओं से होने वाली अवैध वसूली रुक जाए?

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