Lalluram Desk. तीन महीने पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिस पाकिस्तान का रहीम यार खान एयरबेस पर भारत ने मिसाइल से हमला किया था, अभी भी वह चालू नहीं हो पाया है. यह इस रणनीतिक सैन्य प्रतिष्ठान को हुए नुकसान का संकेत है.

खबरों के अनुसार, पाकिस्तान हवाई अड्डा प्राधिकरण ने इसके रनवे के लिए एक और ‘नोटिस टू एयरमैन’ (नोटम) जारी किया है, जिसमें इसे 29 अगस्त तक अनुपयोगी घोषित किया गया है.

बहावलपुर से लगभग 230 किलोमीटर दक्षिण में स्थित यह एयरबेस भारत की राजस्थान सीमा से निकटता के कारण पाकिस्तान की दक्षिणी वायु रक्षा में एक रणनीतिक स्थान रखता है. मई की शुरुआत में भारत द्वारा किए गए सटीक हमलों में इसे भारी नुकसान हुआ था. मई के अंत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर में एक रैली में कहा था कि यह एयरबेस ‘आईसीयू’ में है.

एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की परिधि में स्थित इस एयरबेस ने 10 मई की शाम को पहला नोटम जारी किया था, जिसमें रनवे को एक सप्ताह (18 मई) के लिए बंद घोषित किया गया था, और बाद में इसे बढ़ा दिया गया था. जून की शुरुआत में फिर से नोटम जारी किया गया, जिससे एयरबेस 4 जुलाई तक बंद रहा.

यह एयरबेस पाकिस्तान वायु सेना की केंद्रीय कमान के लिए एक अग्रिम संचालन अड्डे के रूप में कार्य करता है, और इसका व्यापक रूप से सैन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता था.

रहीम यार खान एयरबेस के अलावा, रावलपिंडी के चकलाला स्थित नूर खान एयरबेस, पंजाब के शोरकोट स्थित रफीकी एयरबेस, चकवाल स्थित मुरीद एयरबेस और पंजाब के चुनियन एयरबेस पर एक साथ हमले किए गए. पाकिस्तानी अधिकारियों ने नूर खान में परिवहन विमानों और चुनियन में तकनीकी सुविधाओं को हुए नुकसान की बात स्वीकार की थी.