शिवम मिश्रा, रायपुर। राजधानी रायपुर की केंद्रीय जेल से गुरुवार दोपहर एनडीपीएस एक्ट में सजा काट रहा एक कैदी फरार हो गया। घटना को 30 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस और जेल प्रशासन के हाथ खाली है। फरार होने वाला कैदी चंद्रवीर सिंह है, जिसे गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था और अदालत ने उसे 15 साल की सजा सुनाई थी। वह पिछले एक साल से रायपुर केंद्रीय जेल में बंद था।

बता दें कि यह पहली घटना नहीं है जब रायपुर जेल से कोई कैदी भाग निकला हो। इससे पहले भी कई बार कैदी जेल प्रशासन को चकमा देकर फरार हो चुके हैं। ऐसे मामलों ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यह घटनाएं केवल सुरक्षा में लापरवाही का नतीजा हैं या फिर किसी साजिश के तहत कैदियों को भागने में मदद की जाती है।

दिनदहाड़े फरार हुआ कैदी, फिर भी कैमरों की पकड़ से बाहर

शहर के बीचों-बीच स्थित इस जेल से कैदी दिनदहाड़े फरार हो गया, लेकिन अब तक न तो सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में उसकी कोई तस्वीर मिली है और न ही बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों से कोई सुराग। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन उसकी तलाश बेहद सामान्य तरीके से चल रही है।

जेल परिसर के अंदर पहुंच रही गांजा-शराब की खेप

जेल की सुरक्षा पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि पिछले कुछ समय से यहां लगातार लापरवाही और अव्यवस्था की शिकायतें मिल रही हैं। जेल परिसर के अंदर गांजा, शराब, बीड़ी, सिगरेट और नशीली दवाओं की खुलेआम तस्करी की खबरें सामने आती रही हैं। बताया जाता है कि कैदी पैसों के दम पर इन वस्तुओं को आसानी से अंदर मंगवा लेते हैं। आरोप यह भी है कि जेलकर्मी और कुछ अन्य कर्मचारी इस अवैध कारोबार में शामिल हैं, लेकिन अब तक किसी पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

आरोपी की तलाश जारी, जल्द किया जाएगा गिरफ्तार – गंज थाना प्रभारी

गंज थाना प्रभारी भावेश गौतम ने बताया कि गुरुवार दोपहर करीब 2 बजे केंद्रीय जेल प्रशासन ने कैदी चंद्रवीर सिंह के फरार होने की सूचना दी थी। इस शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस टीम बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर उसकी तलाश कर रही है। अधिकारियों का दावा है कि आरोपी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।

गौरतलब है कि रायपुर केंद्रीय जेल से कैदी का फरार होना न केवल जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है, बल्कि इस पर भी सवाल खड़ा करता है कि कहीं अंदरूनी साठगांठ तो इसकी वजह नहीं। लगातार सामने आ रही लापरवाहियों और जेल परिसर में चल रहे अवैध कारोबार की खबरों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। अब पुलिस और प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है फरार कैदी को जल्द पकड़ना और जेल की व्यवस्था में पारदर्शिता व सख्ती सुनिश्चित करना।

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