राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ‘ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन और रेग्युलेश) बिल 2025’ को मंजूरी दे दी है। यह बिल संसद के दोनों सदनों से इस हफ्ते ही पास हुआ था। इस कानून का मकसद ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देना है, लेकिन ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स पर पूरी तरह से रोक लगाना है।
सरकार का कहना है कि इस कदम से नशे की लत, आर्थिक नुकसान और आत्महत्या जैसे खतरों को रोका जा सकेगा। साथ ही, ई-स्पोर्ट्स को अब कानूनी मान्यता मिलेगी और युवाओं के लिए खेल का नया क्षेत्र खुलेगा।
बिल के तहत क्या-क्या होंगे बदलाव?
- अब ई-स्पोर्ट्स को खेल के तौर पर मान्यता मिलेगी। युवा मामलों और खेल मंत्रालय इसके लिए अलग फ्रेमवर्क तैयार करेगा।
- सोशल गेम्स को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि खिलाड़ी सुरक्षित और जिम्मेदारी से खेल सके।
- पहले ई-स्पोर्ट्स को कोई कानूनी मान्यता नहीं मिली थी, लेकिन अब खिलाड़ियों को बेहतर अवसर मिलेंगे।
मनी गेम्स पर सरकार की सख्ती
इस कानून के तहत पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स को चलाना, उसका विज्ञापन करना या उनसे जुड़ा लेन-देन करना अपराध होगा। हालांकि, खिलाड़ियों पर कोई सजा नहीं होगी। लेकिन ऐसे गेम चलाने वाले, विज्ञापन देने वाले और आर्थिक मदद करने वालों को जेल और जुर्माना झेलना पड़ सकता है।
ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म का प्रचार करने पर भी जुर्माना
नये कानून में ऑनलाइन मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म का प्रचार करने पर दो साल तक की सजा और 50 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन एंड रेगुलेशन बिल 2025 को इससे पहले संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से पारित किया गया था. राज्यसभा ने इस बिल को 26 मिनट में तो लोकसभा ने सात मिनट में पारित कर दिया था.
ऑनलाइन मनी गेमिंग समाजिक बुराई- अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया कि लोग ऑनलाइन मनी गेमिंग में अपनी जीवनभर की बचत गंवा रहे हैं. उन्होंने राज्यसभा में कहा, “समय-समय पर समाज बुराइयों से जूझता है. ऐसे में सरकार और संसद का यह कर्तव्य है कि वे इनकी जांच करें और इन्हें नियंत्रित करने के लिए कानून बनाएं.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह विधेयक ई-स्पोर्ट्स को प्रोत्साहित करेगा और समाज को ऑनलाइन गेम्स के हानिकारक प्रभावों से बचाएगा.
कई ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म बंद करेगा काम
बिल के पारित होने के बाद से ड्रीम11 और विंजो सहित कई ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों ने घोषणा की है कि वे परिचालन बंद कर देंगे. इस बिल को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने से पहले आईटी सचिव एस. कृष्णन ने कहा, “यह ऐसा कानून नहीं है जिसे हम ऐसी ही लागू रहने दे सकें. हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या प्रतिबंधों को अन्य धाराओं से पहले लागू करना संभव है, क्योंकि विधेयक में इस धारा के लिए कोई विशिष्ट नियम नहीं बनाए गए हैं.”
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