अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अपने करीबी सहयोगी और विश्वासपात्र सर्जियो गोर (Sergio Gor)को भारत में अमेरिका का नया राजदूत नियुक्त किया है। इसके साथ ही उन्हें दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए अमेरिका का विशेष दूत भी बनाया गया है। ट्रंप ने यह ऐलान अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल (Truth Social) पर एक पोस्ट के ज़रिए किया। सर्जियो गोर इस समय व्हाइट हाउस के प्रेसिडेंशियल पर्सनेल ऑफिस के डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। अमेरिकी सीनेट से पुष्टि मिलने के बाद गोर भारत में अमेरिका के नए स्थायी राजदूत का कार्यभार संभालेंगे। गौरतलब है कि एरिक गार्सेटी के हटने के करीब सात महीने बाद अमेरिका ने भारत में अपना स्थायी राजदूत नियुक्त किया है। सर्जियो गोर भारत में 26वें अमेरिकी राजदूत होंगे।

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ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मैं सर्जियो गोर को भारत के लिए अमेरिका का अगला राजदूत और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत के रूप में नियुक्त कर रहा हूं।” उन्होंने सर्जियो गोर को अपना करीबी सहयोगी, मित्र और पूरी तरह भरोसेमंद व्यक्ति बताया। ट्रंप ने लिखा, “विश्व के सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र के लिए यह ज़रूरी है कि मेरे पास ऐसा व्यक्ति हो जो मेरे एजेंडे को पूरी तरह लागू कर सके और हमें ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (MAGA)’ के लक्ष्य की ओर ले जाए। सर्जियो एक शानदार राजदूत साबित होंगे।”

सर्जियो गोर का ट्रंप के साथ रहा है गहरा नाता

सर्जियो गोर लंबे समय से ट्रंप के राजनीतिक और व्यक्तिगत विश्वासपात्र रहे हैं। उन्होंने ट्रंप के ऐतिहासिक प्रेसिडेंशियल कैम्पेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रंप की बेस्टसेलिंग किताबों के प्रकाशन में योगदान दिया। ट्रंप के समर्थन में एक बड़े सुपर पैक (Political Action Committee) का नेतृत्व किया। व्हाइट हाउस में प्रेसिडेंशियल पर्सनेल ऑफिस के डायरेक्टर के रूप में गोर ने प्रशासन के लिए कर्मचारी चयन में अहम भूमिका निभाई। ट्रंप ने गोर और उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने रिकॉर्ड समय में संघीय सरकार के विभिन्न विभागों और एजेंसियों में लगभग 4,000 ‘अमेरिका फर्स्ट पैट्रियट्स’ की नियुक्ति सुनिश्चित की, जिससे 95% से अधिक पद भर दिए गए।

भारत के लिए क्या मायने रखती है यह नियुक्ति?

सर्जियो गोर की नियुक्ति भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने व्यापार एजेंडे में भारत को हमेशा अहम स्थान दिया है। हालांकि, हाल के महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के रिश्तों में कुछ तल्खी देखी गई है।

रूस-यूक्रेन युद्ध और तेल पर खींचतान

भारत द्वारा रूस से सस्ते तेल की खरीद जारी रखने के फैसले ने ट्रंप प्रशासन को असहज किया था। इस पर ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ गया। विशेषज्ञों का मानना है कि इन चुनौतियों के बीच गोर की नियुक्ति भारत में अमेरिका की कूटनीतिक प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने का संकेत है।

‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का प्रभाव

गोर लंबे समय से ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के समर्थक और क्रियान्वयनकर्ता रहे हैं। भारत में उनकी तैनाती को इसी एजेंडे के तहत देखा जा रहा है, जहां वे अमेरिकी हितों को मजबूती से आगे बढ़ाने की भूमिका निभा सकते हैं। ट्रंप प्रशासन की रणनीति साफ है—अपने सबसे भरोसेमंद सहयोगियों को उन कूटनीतिक पदों पर बिठाना जहां उनके एजेंडे को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।

रणनीतिक रिश्तों पर असर

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा, टेक्नोलॉजी और व्यापार सहयोग लगातार बढ़ रहा है। गोर की नियुक्ति इस साझेदारी को नए आयाम दे सकती है। लेकिन साथ ही यह देखना दिलचस्प होगा कि वे व्यापारिक तनाव, रूस नीति और इंडो-पैसिफिक रणनीति जैसे मुद्दों पर भारत और अमेरिका को किस तरह संतुलित करते हैं।

सर्जियो गोर ने डोनाल्ड ट्रंप का जताया आभार

सर्जियो गोर ने अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर कहा: “मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे भारत में अमेरिका का अगला राजदूत और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत नियुक्त करने में अविश्वसनीय विश्वास और भरोसा जताया। ट्रंप प्रशासन के महान कार्यों के माध्यम से अमेरिकी लोगों की सेवा करने से ज्यादा मुझे किसी और चीज पर गर्व नहीं हो सकता। हमारे व्हाइट हाउस ने अमेरिका को फिर से महान बनाने में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान होगा।”

कौन हैं सर्जियो गोर?

सर्जियो गोर का जन्म 30 नवंबर, 1986 को उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में हुआ था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय से पूरी की, जहां पढ़ाई के दौरान वे कॉलेज रिपब्लिकन्स से जुड़े रहे। गोर ने राजनीति में अपने करियर की शुरुआत 2008 में सीनेटर जॉन मैक्केन के राष्ट्रपति चुनाव अभियान का समर्थन करके की। इसके बाद वे अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के कई रिपब्लिकन सांसदों — मिशेल बाखमैन, स्टीव किंग और रैंडी फोर्ब्स — के लिए प्रवक्ता भी रहे। मई 2013 में गोर ने केंटकी सीनेटर रैंड पॉल की पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (RANDPAC) में कम्युनिकेशन डायरेक्टर के रूप में काम शुरू किया। बाद में उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के साथ मिलकर Winning Team Publishing की सह-स्थापना की, जिसने डोनाल्ड ट्रंप की दो किताबें प्रकाशित कीं। उनका यह अनुभव और ट्रंप परिवार से निकटता ही उन्हें रिपब्लिकन राजनीति में एक अहम चेहरा बनाती है।

भारत में फिलहाल कौन है अमेरिकी राजदूत?

एरिक गार्सेटी भारतीय राजदूत पद पर तब तक नियुक्त रहे जब तक उनका कार्यकाल 20 जनवरी 2025 को समाप्त नहीं हुआ था उनके बाद से, Chargé d’Affaires के रूप में जॉर्गन के. एंड्रयूज़ दूतावास का नेतृत्व कर रहे हैं।

सर्जियो गोर का नाम अब अमेरिका का नया राजदूत (Nominee) और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के लिए विशेष दूत के रूप में राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा घोषित किया गया है, लेकिन इसे अभी अमेरिकी सीनेट की पुष्टि का इंतज़ार है।