GST Council की बैठक 3 और 4 सितंबर को होने जा रही है। इस बैठक में कई अहम फैसले होने की उम्मीद है, जिनमें सबसे बड़ा निर्णय GST टैक्स स्लैब को चार से घटाकर दो करने के प्रस्ताव पर लिया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी। जीएसटी से जुड़े मामलों में फैसला लेने वाला सर्वोच्च निकाय यही काउंसिल है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जीएसटी ढांचे को सरल बनाने और स्लैब को चार से घटाकर दो करने का ऐलान किया था। सरकार की योजना है कि नया ढांचा दिवाली से पहले लागू कर दिया जाए।

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जीएसटी काउंसिल सचिवालय की ओर से जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार काउंसिल की दो दिनी बैठक नई दिल्ली में होगी। इसमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे। बैठक में मुख्य रूप से जीएसटी कर दरों को युक्तिसंगत बनाने, मुआवजा सेस की समीक्षा, और हेल्थ एवं लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम से जुड़ी मंत्री समूह (GoM) की सिफारिशों पर विचार किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, मंत्री समूहों ने इसी हफ्ते केंद्र सरकार के जीएसटी टैक्स स्लैब को 4 से घटाकर 2 करने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति जताई है।

GST दरों में बड़ा बदलाव प्रस्तावित

केंद्र सरकार ने जीएसटी ढांचे को सरल बनाने के लिए केवल दो दरें—5% और 18% रखने का प्रस्ताव रखा है।

5% टैक्स: यह दर मेरिट कैटेगिरी के उत्पादों एवं सेवाओं पर लागू होगी, यानी रोजमर्रा की ज़रूरत से जुड़ी चीज़ें।

18% टैक्स: यह दर स्टैंडर्ड कैटेगिरी के अधिकांश उत्पादों एवं सेवाओं पर लगेगी।

इसके अलावा, सरकार ने कुछ विलासिता की वस्तुओं और नुकसानदेह उत्पादों (जैसे पान मसाला, सिगरेट, लग्जरी कार आदि) पर 40% की विशेष दर लगाने का भी प्रस्ताव दिया है। फिलहाल देश में जीएसटी की चार दरें—5%, 12%, 18% और 28% लागू हैं। कई उत्पादों पर इसके अतिरिक्त सेस भी वसूला जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में कहा था कि दिवाली तक जीएसटी ढांचे में व्यापक सुधार लागू कर दिए जाएंगे।

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कई सामान होंगे सस्ते

सरकार की नई टैक्स व्यवस्था के तहत दो स्लैब लागू होने के बाद बाजार में कई सामानों की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सीधा फायदा आम उपभोक्ताओं को होगा। जानकारी के अनुसार, छोटी कारों की कीमतों में बड़ी कमी आ सकती है। वहीं एयर कंडीशनर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स के दामों में भी गिरावट आने की संभावना है। इसके अलावा बिल्डिंग मटीरियल के सस्ते होने से घर बनाने की लागत कम होगी, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है। खास बात यह है कि रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले सामानों की कीमतें भी कम हो सकती हैं। 12 फीसदी टैक्स स्लैब में आने वाले कई उत्पाद अब 5 फीसदी के स्लैब में आ सकते हैं। इसमें दूध, दही, स्टेशनरी, पढ़ाई से जुड़े अन्य सामान और कई जरूरी उत्पाद शामिल हैं। कुल मिलाकर, इस बदलाव से आम लोगों की जेब पर बोझ घटने और बाजार में रौनक बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।