मोहाली : पंजाब में आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो ने आज मोहाली की अदालत में चालान पेश किया। विजिलेंस ने इस मामले में 200 से अधिक गवाह पेश किए हैं और 400 से ज्यादा बैंक खातों की जांच की है।

विजिलेंस ने 40,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट तैयार की है, जिसे चार ट्रकों में लाकर अदालत में पेश किया गया। शिरोमणि अकाली दल ने कहा है कि चालान पेश होने के बाद इस पर विचार किया जाएगा। बता दें कि 25 जून को पुलिस ने मजीठिया को अमृतसर से गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह नई नाभा जेल में बंद हैं। यह मामला 2021 में कांग्रेस सरकार के दौरान दर्ज किया गया था, जिसमें मजीठिया के पूर्व पीए सहित कुल छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

15 स्थानों पर छापेमारी, 700 करोड़ की संपत्ति का खुलासा

जांच के दौरान देश के कई राज्यों में 15 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें मजीठिया से संबंधित 30 अचल संपत्तियों, 10 वाहनों और 15 कंपनियों या फर्मों का पता चला। ये सभी संपत्तियां उनके मंत्रिकाल के दौरान गैर-कानूनी तरीके से अर्जित की गई थीं। चार्जशीट के अनुसार, मजीठिया ने अपनी आय से 1200% अधिक संपत्ति हासिल की, जिसकी अनुमानित कीमत 700 करोड़ रुपये है। यह पूरा मामला सबूतों के साथ अदालत में पेश किया गया है।

‘कानून का राज, प्रभाव का नहीं’

विजिलेंस का कहना है कि यह कार्रवाई केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि उस राजनीतिक संस्कृति पर प्रहार है, जिसमें सत्ता का दुरुपयोग निजी संपत्ति और नशीले पदार्थों के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए किया जाता था। मान सरकार ने साबित कर दिया है कि अब पंजाब में कानून का राज होगा, न कि प्रभाव का। सरकार का कहना है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा नाम हो, अगर उसने पंजाब के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है, तो कानून उसे नहीं बख्शेगा।