लक्षिका साहू, रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर कड़ा पलटवार किया, जिसमें उन्होंने विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को नक्सलवाद समर्थक मानसिकता वाला करार दिया था. इसके अलावा उन्होंने हाल ही में साय कैबिनेट का विस्तार कर 14 मंत्री बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि “जब तड़ीपार जैसे व्यक्ति को इस देश का गृह मंत्री बनाया जा सकता है, तो किसी जज को उपराष्ट्रपति के लिए उम्मीदवार बनाने में क्या गलत है?” उन्होंने कहा कि यह संविधान और कानून का पालन करने की बात है, जबकि कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।
इससे पहले, अमित शाह ने आरोप लगाया था कि विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट में 2011 में सलवा जुडूम पर फैसला देकर वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद का समर्थन किया। सुदर्शन रेड्डी ने छत्तीसगढ़ के बस्तर में आदिवासियों की सलवा जुडूम मुहिम को गैरकानूनी करार देते हुए उस पर बैन लगाया था। अमित शाह ने कहा था कि अगर यह फैसला नहीं दिया गया होता, तो 2020 तक नक्सलवाद खत्म हो सकता था।
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मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर BJP पर साधा निशाना
साय सरकार में 14 मंत्रियों के गठन को लेकर जारी विवाद पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहते हुए नियम बनाए गए थे और रमन सिंह के कार्यकाल में चार मंत्रियों को हटाया गया था। बघेल ने कहा, “हम वही कानून और संविधान मानते हैं, जिसकी बात राहुल गांधी भी कर रहे हैं। उदाहरण सामने है।”
भूपेश बघेल के बयान पर भाजपा का पलटवार
भूपेश बघेल के बयान पर भाजपा के वरिष्ठ प्रवक्ता शिवनारायण पांडे ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह निर्दोष होकर छूटे थे. ये असल में पूरी मानसिकता की लड़ाई है. मानसिकता से कौन किस जगह पर बैठता है. अगर लाल आतंक के पक्षधर लोग संवैधानिक पद पर पहुंचने लगेंगे. जैसे कि कांग्रेस पहुंच रही है. महिमामंडन कर रही है. उसी प्रकार की स्थिति है. तड़ीपार इनका मुहावरा बन गया है. उस समय के इन्वेस्टिगेशन ने आतंकवादी घोषित किया. उसके आधार पर घोषित किया गया. उस आधार पर वह गुजरात पर नहीं आए थे. कांग्रेस अपने आप में तड़ीपार हो गई है.
उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल बिल्कुल हताशा में है. कुंठा में है. कुछ समझ नहीं पा रहे हैं. ना कोई राजनीतिक भविष्य कांग्रेस का दिखता है. न उनका दिखता है. जब तक धन था. तब तक दुकान चली रही थी. अब दुकान बंद होने की कगार पर है. आखिरी राजनीति है. इसीलिए वह बहुत हताश है. जिस प्रकार के कर्म उन्होंने किए हैं. जिस प्रकार की उत्पत्ति उनको झेलना पड़ रही है. उसके कारण वे बेहद कुंठित हैं. इसीलिए किसी के भी खिलाफ कुछ भी शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं.
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