योगेश पाराशर, मुरैना। पुलिस महकमे में उस समय हड़कंप मच गया जब टीआई रामबाबू यादव ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। थाना नहीं मिलने से नाराज होकर नौकरी त्यागने के कयास विभाग में लगने लगे, तभी टीआई यादव खुलकर मीडिया के सामने आए और एसपी पर प्रताड़ना व अपमानित करने जैसे कई आरोप लगाए।

दो आवेदन लिखकर एसपी ऑफिस पहुंचे

जानकारी के अनुसार पुलिस लाइन में पदस्थ टीआई रामबाबू यादव एसपी से मिलने गए। बंद चेंबर में ही एसपी समीर सौरभ और टीआई यादव के बीच बहस व कहासुनी हो गई। इसके बाद टीआई चेंबर से निकले और दो आवेदन लिखकर फिर से एसपी के पास पहुंच गए। एक आवेदन में 60 दिन की छुट्टी मांगी गई थी, जबकि दूसरे आवेदन में इस्तीफा था। इस्तीफा देने के बाद टीआई यादव शनिश्चरा मंदिर पर शनि मेले में लगाई ड्यूटी पर पहुंच गए।

काम करने वालों को करते परेशान

शनि मेले में ही टीआई रामबाबू यादव ने मीडिया के सामने खुलकर कहा, कि एसपी समीर सौरभ ने उनका दुरुपयोग किया है। कहने पर हर काम करने के बाद भी अपमानित करते और प्रताड़ना देते हैं। वे यहीं नहीं रुके और कह रहे हैं, कि एसपी को चोर, लुटेरे थाना प्रभारियों से काम करवाना पसंद है, काम करने वालों को परेशान करते हैं।

हवालात में मौत के मामले में हुए थे सस्पेंड

बता दें कि हवालात में मौत के मामले में टीआई यादव सस्पेंड हुए थे। एक सितंबर 2024 को तड़के सिविल लाइन की हवालात में ग्वालियर के जलालपुर निवासी सनी उर्फ बालकिशन जाटव का शव फांसी पर लटका मिला। सनी पर हत्या का आरोप था। इस मामले में एसपी समीर सौरभ ने टीआई रामबाबू यादव, एचसीएम दिनेश यादव एवं पहरे पर तैनात संतरी पुष्पेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है। करीब 10 महीने रामबाबू यादव निलंबित रहे। उधर न्यायिक जांच में सनी की मौत को हत्या बताते हुए टीआई रामबाबू यादव पर एफआईआर की अनुशंसा हाे गई, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने निलंबित टीआई यादव को राहत दे दी।

आरक्षकों के सामने बेइज्जत होने से खफा

पुलिस सूत्रों की मानें तो टीआई रामबाबू यादव थाना नहीं मिलने से नाराज चल रहे थे। इसी बीच एसपी ने उन्हें अलापुर सरपंच के घर हुई डकैती को सुलझाने में लगा दिया। इस कार्रवाई के दौरान एक आरक्षक व उनके साथियाें ने टीआई रामबाबू यादव के मुखबिर से संपर्क कर लिया और कुछ जानकारी जुटा लीं, इससे टीआई भड़क गए।

एसपी ने आरक्षकों के काम की प्रशंसा कर दी

एसपी आफिस में अलापुर डकैती को लेकर हुई बैठक में टीआई यादव ने आरक्षकों की शिकायत एसपी से की, लेकिन एसपी ने उल्टा आरक्षकों के काम की प्रशंसा कर दी। इससे कई थाना प्रभारियों के सामने बेइज्जती महसूस हुई। उसी बात को लेकर एसपी से मिले जहां तनातनी ऐसी बढ़ी कि नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

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