जांजगीर-चांपा। जिले में फिल्म दृश्यम की तर्ज पर हत्याकांड का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 4 साल पहले छाता जंगल के पास एक अधेड़ की जली हुई लाश मिली थी, जिसे पुलिस ने भी एक्सीडेंट मानकर फाइल बंद कर दी थी। अब उसी हत्याकांड का राजफाश बड़े ही फिल्मी तरीके से हुआ है।

जानिए क्या है पूरा मामला
आज से ठीक 4 साल पहले भूखल रोहिदास नामक एक शख्स का शव छाता जंगल की नहर के पास जली हुई हालत में पड़ा मिला। मामले में बलौदा थाना क्षेत्र पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की। बाद में शव की पहचान ग्राम बगडबरी निवासी भूखल रोहिदास के रूप में हुई। उस समय यह स्पष्ट नहीं था कि मौत हादसा है या हत्या। मामले को एक्सीडेंट का रूप देने के लिए बताया गया कि मृतक भूखल नहर के पास अलाव से आग ताप रहा था, जिसमें जलने से उसकी मौत हुई है। लेकिन असल में मृतक की बेटी ने ही अपने प्रेमी और उसके दोस्त के साथ मिलकर इस पूरे जघन्य हत्याकांड की साजिश रची थी।

दरअसल, मृतक भूखल रोहिदास की बेटी रजनी अपने पति को छोड़कर अपने पिता के साथ ग्राम बगडबरी में रहती थी। भूखल शराब बेचने का काम करता था। इस दौरान राजा बाबू खुंटे और पुरुषोत्तम खुंटे वहां अक्सर शराब खरीदने आया करते थे। इसी बीच राजा बाबू और रजनी के बीच प्रेम संबंध स्थापित हो गया। लेकिन यह बात रजनी के पिता भूखल रोहिदास को नागवार गुजरी। भूखल जानता था कि राजा बाबू आदतन शराबी है, इसलिए वह अपनी बेटी को उसके साथ रहने से मना किया करता था। लेकिन रजनी राजा बाबू के साथ रहना चाहती थी। यही वजह है कि दोनों ने मिलकर भूखल को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
इसके बाद योजना के मुताबिक, प्रेमी राजा बाबू खुंटे और पुरुषोत्तम खुंटे भूखल रोहिदास को अपनी बाइक में बैठाकर छाता जंगल के पास ले गए। वहां शराब में चूहा मारने की दवा मिलाकर उसे पिलाई गई और फिर नशे की हालत में होने पर उसके सिर पर पत्थर से वार किया गया। इसके बाद पेट्रोल डालकर शव को आग के हवाले कर दिया गया ताकि पहचान न हो सके। वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों अपने-अपने घर वापस पहुंच गए। चूंकि लाश पूरी तरह से जल चुकी थी, तो पुलिस को भी भूखल के सिर पर चोट के निशान नहीं मिले और उन्होंने भी इसे एक्सीडेंट मानकर फाइल बंद कर दी।
4 साल बाद ऐसे खुला हत्या का राज
भूखल की हत्या के बाद रजनी, उसका प्रेमी राजा बाबू खुंटे और पुरुषोत्तम खुंटे अपनी जिंदगी सामान्य तरीके से जी रहे थे। लेकिन चकरभाठा की एक माइंस में काम करने वाले एक युवक ने राजा और पुरुषोत्तम को भूखल की हत्या करते हुए देख लिया था। आरोपियों ने बताया कि वह इस राज को उजागर करने की धमकी देकर लगातार ब्लैकमेल कर रहा था। इसी बात से तंग आकर आरोपियों ने उसकी हत्या की साजिश रची और उसे मौत के घाट उतार दिया। इस हत्या के बाद राजा और पुरुषोत्तम को युवक की हत्या के आरोप में चकरभाठा थाना पुलिस ने हिरासत में लिया था। हत्या की वजह जानने पुलिस ने जब दोनों से सख्ती बरती, तब चार साल पहले किए गए इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा हुआ।

इसके बाद बिलासपुर आईजी संजीव शुक्ला ने इसकी जानकारी जांजगीर एसपी विजय कुमार पांडेय को दी, जिसके बाद उन्होंने 4 साल पुराने मामले की फाइल दोबारा खोली। बिलासपुर से आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर जांजगीर लाकर विस्तृत पूछताछ की गई, जिसके बाद सिलसिलेवार आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
पुलिस ने मामले में आरोपी राजिम उर्फ रजनी बाई, राजा बाबू खुंटे और पुरुषोत्तम खुंटे को धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना), 120B (षड्यंत्र) और 34 (साझा अपराध) भादवि के तहत गिरफ्तार कर लिया है।
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