लखनऊ. 69000 शिक्षक भर्ती (69000 teacher recruitment) के अभ्यर्थियों ने रविवार को फिर से डिप्टी सीएम के आवास का घेराव कर दिया. अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर जमकर नारेबाजी की. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने से नाराज अभ्यर्थियों ने ये कदम उठाया है. हालांकि पुलिस बल ने धरना दे रहे अभ्यर्थियों को इको गार्डेन धरना स्थल पर भेज दिया. इस बीच एक महिला प्रदशनकारी ने डिप्टी सीएम पर तंज कसते हुए उन्हें चूड़ी पहनने को कह दिया.
समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. जिसमें लिखा है कि ‘पिछड़े और दलित का वोट लेकर भाजपा ने सरकार बनाई और अब जब पिछड़े और दलित अपना अधिकार मांग रहे हैं तो भाजपा सत्ता लाठियां चलवा रही है. भाजपा के पिछड़े दलित नेता सब अपने अपने घरों में मंत्री नेता बनकर बैठे हैं और किसी को पिछड़े दलितों की कोई चिंता नहीं है. चूड़ी पहन लें भाजपा के नेता ये कह रही हैं पीड़ित पिछड़ी दलित महिलाएं.’
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बता दें कि 19 अगस्त को भी अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम के आवास पर धरना दिया था. दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कार्यकाल में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया का विज्ञापन निकाला गया था. जिसके लिए पात्र अभ्यर्थी जिन्होंने शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी TET पास किया था उन्होंने आवेदन किया. जिसके बाद मेरिट तैयार की गई और पात्रों को भर्ती कर लिया गया. लेकिन मामले में पेंच तब फस गया जब आरक्षित चयनित अभ्यर्थियों ने सूची पर आरक्षण नीति का पालन नही करने का आरोप लगाया. जिसके बाद इस मामले को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी कोर्ट में गए. जहां पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार से सूची को बदलकर नई सूची लागू करने को आदेशित किया. तब तक सामान्य वर्ग के चयनित अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर चले गए. जहां पर सुनवाई होनी है.
घरना प्रदर्शन से कचहरी तक का सफर
69 हजार शिक्षक भर्ती के पिछड़ा वर्ग अभ्यर्थियों का कहना है कि चयन प्रक्रिया में शुरू से ही दोष था. जबकि सरकार इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चाहती तो लागू भी कर सकती थी. बावजूद इसके सरकार ने ढंग से इसकी पैरवी नहीं की जिसके कारण मामला फंसता जा रहा है. हम लोग पिछले 4 सालों से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन न्याय नहीं मिल पा रहा है. इसके लिए मंत्री के घरों का घेराव किया गया लेकिन कोई फायदा नहीं मिला. मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की गई, लेकिन कोई सटीक उपाय नहीं मिल सका है.
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