सत्यपाल सिंह, रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोमवार को कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज और क्रेडाई छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित रियल एस्टेट राईजिंग छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार की नीतियों के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में देश के उद्योग और व्यापार जगत में आई मंदी का प्रभाव नहीं पड़ा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि रियल एस्टेट में तेजी लाने के लिए भूमि की गाइड लाइन दर 30 प्रतिशत कम किए गए. इसी प्रकार डायवर्सन प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया. उन्होंने कहा कि कारोबारियों की सुविधा के लिए सिंगल विण्डों सिस्टम जल्द ही लाया जाएगा. टाऊन इन कंट्री प्लानिंग में स्टाफ की कमी दूर की जाएगी. पंजीयन कार्यालयों को भी व्यवस्थित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में केन्द्र सरकार के समान ही एलआईजी मकानों के लिए प्लाट का आकार 90 वर्ग मीटर किया जाएगा. ईडल्ब्यूएस और एलआईजी भूमि के संबंध में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का परीक्षण कर लागू किया जाएगा. उन्होंने एग्रो इंडस्ट्रीज को ऑरेंज सेक्टर में रखने के संबंध में उचित फैसला लेने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी और ढाई हजार रूपए से प्रति क्विंटल धान खरीदी और तेन्दूपत्ता पारिश्रमिक दर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा किया गया तब यह कहा गया कि यह गांव वालों की सरकार है, लेकिन इन्हीं फैसलों के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ के उद्योग और व्यापार जगत में वृद्धि आयी है.
आटो मोबाइल सेक्टर के साथ ही सराफा कारोबार में वृद्धि हुई है. छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री से पिछले वर्ष जून से सितम्बर माह तक 92 करोड़ रूपए का राजस्व मिला था. इसी अवधि में इस वर्ष राज्य सरकार को 152 करोड़ रूपए का राजस्व मिला है.
मुख्यमंत्री ने सुराजी ग्राम योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि नरवा योजना में एक हजार 28 नदी-नालों के पुनर्जीवन के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है. बरसात के बाद इन पर काम शुरू होगा. उन्होंने कहा कि नरवा कार्यक्रम सभी के लिए है. पानी की जरूरत खेती, उद्योग सहित सभी कार्यों के लिए जरूरत होती है. इस योजना से सरफेस, सब साइल और ग्राउंड वाटर बढ़ाने में मदद मिलेगी.
छत्तीसगढ़ में पर्याप्त वर्षा होती है. जरूरत इसे सहेजने की है. उन्होंने औद्योगिक और रियल एस्टेट से जुड़े कारोबारियों से सुराजी योजना में बनाए जा रहे गौठानों संचालन और प्रबंधन के लिए ग्रामीणों को समझाइश देने के लिए समय दान करने की अपील की. उन्होंने कहा कि गौ माता की सेवा के लिए एक-एक गांव को गोद लेकर यह कार्य किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि ढेड़ हजार गांव में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है, इससे पशुधन के लिए 30 हजार एकड़ जमीन सुरक्षित हो गई है.
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर औद्योगिक प्रतिनिधियों को उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित भी किया. कार्यक्रम में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, नगर निगम के महापौर प्रमोद दुबे ने भी सम्बोधित किया. इस अवसर पर कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के चेयरमेन नरेन्द्र गोयल और क्रेडाई छत्तीसगढ़ रवि फतनानी सहित औद्योगिक और रियल इस्टेट से जुड़े प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे.