Odisha Agriculture Budget: भुवनेश्वर. ओडिशा कृषि एवं विज्ञान विश्वविद्यालय का 64वां स्थापना दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में राज्यपाल एवं कुलपति डॉ. हरिबाबू कंभमपति, उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री गोकुलानंद मल्लिक, विधायक बाबू सिंह और ओयूएटी के कुलपति प्रभात कुमार राउल उपस्थित थे.

इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री गोकुलानंद मल्लिक ने कहा कि भारत और ओडिशा को एक विकसित राज्य बनाने के लिए कृषि संकल्प यात्रा शुरू की गई है. सरकार ने मिश्रित खेती के लिए सभी सुविधाएँ प्रदान की हैं. कामधेनु योजना के तहत किसानों को 70 प्रतिशत अनुदान पर दो गायें दी जा रही हैं. पहले यह योजना कुछ खास किसानों तक सीमित थी, लेकिन अब सभी को इसका लाभ मिल रहा है.

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Odisha Agriculture Budget

Odisha Agriculture Budget

Odisha Agriculture Budget: उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव ने अपने भाषण में कहा कि कालाहांडी पहले किसानों की आत्महत्या के लिए बदनाम था, लेकिन अब कालाहांडी ओडिशा का चावल का कटोरा बन गया है. राज्य के आम अब विदेशों में निर्यात किए जा रहे हैं. ओडिशा में आम 20 रुपये प्रति किलो बिकते थे, अब इन्हें यूएई, दुबई, लंदन और पेरिस में 55 रुपये प्रति किलो के हिसाब से निर्यात किया जा रहा है. कृषि बजट व्यय के मामले में ओडिशा देश में पहले स्थान पर है. पिछले वर्ष 85 प्रतिशत बजट खर्च किया गया था, जबकि इस वर्ष 81 प्रतिशत खर्च हुआ है.

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राज्यपाल ने अपने भाषण में कहा कि किसानों को प्रशिक्षित तो किया जा रहा है, लेकिन कृषि विज्ञान केंद्र प्रशिक्षण के बाद उन्हें काम पर नहीं लगा पा रहे हैं. उन्होंने विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों के दौरे के दौरान आने वाली समस्याओं पर चिंता व्यक्त की और कहा कि विश्वविद्यालय इस समस्या के समाधान के लिए विभिन्न फसलों पर परियोजना प्रोफ़ाइल तैयार कर रहा है. राज्यपाल ने यह भी सवाल उठाया कि जब राज्य के पास सभी संसाधन हैं, तो ओडिशा मछली उत्पादन में पिछड़ क्यों रहा है.

भद्रक की यात्रा का उदाहरण देते हुए राज्यपाल ने कहा कि वहाँ धान की खेती तो देखी, लेकिन मछली पालन का कोई कार्यक्रम नहीं दिखा. उन्होंने बताया कि राज्य की 40 प्रतिशत मछलियाँ बाहर से आती हैं और अब ओडिशा को मछली उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना होगा. इसी तरह अंडा उत्पादन में भी राज्य पिछड़ रहा है. इसलिए राज्यपाल और कुलपति डॉ. हरिबाबू कंभमपति ने सुझाव दिया कि ओयूएटी और राज्य सरकार मिलकर काम करें.

Odisha Agriculture Budget: कार्यक्रम में जैविक खेती और मुर्गी पालन सहित खेती के विभिन्न तरीकों पर वैज्ञानिकों द्वारा लिखित बुलेटिन और पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया गया.

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