रायपुर। छत्तीसगढ़ के कॉलेजों में दूसरे प्रदेश के युवाओं को अतिथि व्याख्याता की नियुक्ति देने पर बवाल मचा हुआ है. इससे छत्तीसगढ़ के युवाओं में भारी नाराजगी है. मुद्दा स्थानीय बनाम बाहरी का बन गया है. छत्तीसगढ़ अतिथि व्याख्याता संघ ने कॉलेजों में हुई नियुक्ति में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया है. संघ ने प्राचार्यों पर मनमानीपूर्ण तरीके से नियुक्ति देने का आरोप लगाया है. इसकी शिकायत भी उच्च शिक्षा मंत्री से की है.
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मामला तुल पकड़ते देख उच्च शिक्षा मंत्री टंक राम वर्मा ने अतिथि व्याख्याता संघ के पदाधिकारियों से शनिवार को मुलाकात की. मंत्री ने कहा कि स्थानीय युवाओं के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने जारी भर्ती में प्रकिया में रोक लगाने और पूरे मामले की जाँच कराने का आश्वासन दिया. मंत्री के निर्देश के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने संभागवार जाँच कमेटी गठित कर दिया है. साथ ही जारी भर्ती प्रकिया रोक लगाने का आदेश भी जारी कर दिया है.
वहीं उच्च शिक्षा विभाग की ओर से दो आदेश जारी किए गए हैं. एक आदेश जाँच समिति गठन और सदस्यों को लेकर और दूसरा आदेश भर्ती प्रकिया पर रोक को लेकर है. विभाग ने 7 दिनों के भीतर जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है. वहीं जिन कॉलेजों में नियुक्ति हो गई उस पर रोक नहीं होने की बात कही है.

उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश
इस पूरे मामले में संघ के अध्यक्ष लव वर्मा ने कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग का आदेश समझ से परे है. जाँच समिति प्राचार्यों को शामिल किया गया है. जबकि हमने आरोप लगाया है कि प्राचार्यों की मनमानी के चलते ही छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में कॉलेजों में नियुक्ति दूसरे प्रदेश के युवाओं को दे दी गई. उसे भी स्थगित किया जाना चाहिए. सिर्फ जहाँ अभी भर्ती प्रकिया चल रही है उस पर ही रोक लगाकर छल किया जा रहा है. लव वर्मा कुछ कॉलेजों की सूची भी जारी की है. जिसमें ज्यादातर अतिथि व्खाख्याता दूसरे प्रदेशों से नियुक्त किए गए हैं.


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