पटना। बिहार में मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है, जिससे प्रदेश के विभिन्न इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। पटना में पिछले कुछ दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही थी जो सोमवार सुबह से तेज हो गई। मौसम विभाग ने राज्य के सभी 38 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। आगामी कुछ दिनों तक मानसून की सक्रियता बनी रहने की संभावना है, जिसके चलते कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
मानसून का असर
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक राज्य में 29 अगस्त तक मानसून सक्रिय रहेगा। इस दौरान राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से लेकर मध्यम और भारी बारिश हो सकती है। खासकर उत्तर-पूर्व बिहार में भारी बारिश के आसार हैं। पटना में भी मौसम का मिजाज बदलता जा रहा है। यहां लगातार बादलों की आवाजाही बनी हुई है, और दोपहर के बाद से शाम तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई गई है। इससे तापमान में तो गिरावट आएगी, लेकिन उमस की वजह से लोगों को परेशानी हो सकती है।
तापमान और उमस
पटना में अगले कुछ दिनों में अधिकतम तापमान 28 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। वहीं न्यूनतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहेगा। हालांकि, लगातार बारिश के बावजूद वातावरण में नमी बनी रहेगी, जिससे उमस बढ़ सकती है। यह उमस लोगों के लिए असहनीय हो सकती है, विशेष रूप से उन इलाकों में जहां बारिश तेज होगी।
जलजमाव और यातायात की समस्या
पटना में हो रही लगातार बारिश के कारण जलजमाव की समस्या गंभीर हो गई है। शहर के कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिससे आम नागरिकों को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है। जलजमाव के कारण यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है, और लोग घंटों जाम में फंसे हुए हैं। यह स्थिति विशेष रूप से उन क्षेत्रों में अधिक देखी जा रही है, जहां नालियां और ड्रेनेज सिस्टम पहले से ही कमजोर हैं।
फसलों को नुकसान और राहत योजनाएं
अगस्त महीने की भारी बारिश और नदियों के जलस्तर में वृद्धि से बिहार के 14 जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इनमें नालंदा, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, बेगूसराय, लखीसराय, पटना, भोजपुर, वैशाली, मुंगेर, सारण, समस्तीपुर, मधेपुरा और शेखपुरा जिले शामिल हैं। इन जिलों के किसान मुआवजा पाने के लिए राहत योजनाओं का इंतजार कर रहे हैं। कृषि विभाग ने इन जिलों के जिलाधिकारियों और जिला कृषि पदाधिकारियों को राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। किसानों को “इनपुट अनुदान योजना 2025” के तहत सहायता राशि दी जाएगी।
बाढ़ पीड़ितों की कहानी
बिहार के कई जिलों में आई बाढ़ ने हजारों परिवारों को बेहाल कर दिया है। घर डूब गए, खेत बर्बाद हो गए और लोगों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। पीड़ित परिवार नाव या अस्थायी शरण स्थलों पर किसी तरह जीवन यापन कर रहे हैं। बच्चों को दूध और भोजन की कमी है, बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। सरकारी राहत शिविरों में मदद की उम्मीद है, लेकिन संसाधन सीमित हैं। बाढ़ पीड़ित अपनी ज़िंदगी को फिर से पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार व समाज उनकी मदद के लिए आगे आए।
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