कुंदन कुमार/ पटना। बिहार में बाढ़ का प्रकोप केवल इंसान के जीवन को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि पशुपालकों के लिए भी यह एक गंभीर समस्या बन जाती है। बाढ़ के दौरान जब घरों और खेतों में पानी भर जाता है, तो चारागाह भी जलमग्न हो जाते हैं। ऐसे में पशुपालकों को अपने मवेशियों को खिलाने के लिए चारा की कमी हो जाती है। लेकिन बिहार सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए एक अहम पहल की है।
पशुपालक अपने मवेशियों को भूखा न रखे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने पशुपालकों की मदद के लिए एक विशेष चारा वितरण योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए जरूरी चारे की आपूर्ति सुनिश्चित करना है, ताकि कोई भी पशुपालक अपने मवेशियों को भूखा न रखे।
योजना का स्वरूप
पशुपालकों को चारा वितरित करने की यह योजना जिला प्रशासन के सहयोग से चल रही है। पशुपालन विभाग के अधिकारी इस कार्यक्रम को प्रभावित गांवों और पशु शिविरों तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं। खास बात यह है कि चारा वितरण पूरी तरह से पशुओं की जरूरत के हिसाब से किया जा रहा है। बड़े जानवरों के लिए 6 किलो, छोटे जानवरों के लिए 3 किलो और छोटे मवेशियों जैसे बकरियों के लिए 1 किलो चारा तय किया गया है। इस बात का ध्यान रखा गया है कि चारे में मवेशियों की पोषण संबंधी सभी जरूरतें पूरी हो सकें।
पशुओं की संख्या का आंकलन
चारा वितरण के दौरान, पहले जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं की संख्या का आंकलन किया जाता है। फिर हर पशुपालक को एक टोकन दिया जाता है, ताकि चारा वितरण की प्रक्रिया व्यवस्थित और पंक्तिबद्ध तरीके से हो सके। पशुपालकों को एक बार में तीन दिन से लेकर एक हफ्ते तक का चारा उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा, अगर हालात खराब होते हैं और शिविरों की आवश्यकता होती है, तो चारा वितरण का यह कार्यक्रम जारी रखा जाएगा।
कैसे लें लाभ
बिहार सरकार की यह चारा वितरण योजना पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रही है। अगर किसी पशुपालक को चारे की आवश्यकता हो, तो वे सीधे पशुपालन निदेशालय, बिहार के 0612-2230942 नंबर पर या पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, बिहार के 0612-2226049 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
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