रायपुर। राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार 2025 के लिए छत्तीसगढ़ के दो शिक्षकों का चयन हुआ है. इनमें से दुर्ग जिले की हनोदा स्थित शासकीय माध्यमिक शाला में पदस्थ डॉ. प्रज्ञा सिंह का चौथे प्रयास में और कोरबा जिले के सलोरा स्थित पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय में पदस्थ संतोष कुमार चौरसिया का तीसरे प्रयास में चयन हुआ है. डॉ. प्रज्ञा सिंह को जहां गणित में तो वहीं संतोष चौरसिया को विज्ञान में नवाचार के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा.
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छत्तीसगढ़ का सम्मान बढ़ाने वाले दोनों ही शिक्षकों से लल्लूराम डॉट कॉम ने विशेष बातचीत की.

दुर्ग जिले के हनोदा गांव में स्थित माध्यमिक स्कूल में पदस्थ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में बताया कि राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया था, जिसमें उन्होंने अपने नवाचार की जानकारी दी थी. जिला, जिले के बाद राज्य स्तर पर चयन के बाद नेशनल ज्यूरी के सामने दिल्ली में 8 अगस्त को साक्षात्कार हुआ था,. जिसके बाद उनका राष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ है.

डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने स्कूल में अनूठा मैथ्स क्लब बनाया है. इसके अलावा गणित के क्षेत्र में बहुत से नवाचार है. उन्होंने बताया कि 2008 से शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं. राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान के लिए चौथी बार चयन हो चुका है, जिसमें तीन बार वे साक्षात्कार दे चुकी हैं. चौथी बार पुरस्कार के लिए चयन हुआ है.
उन्होंने बताया कि स्वयं के व्यय से स्कूल में मैथ्स क्लब के लिए 500 मॉडल और शिक्षण सहायक सामग्री का निर्माण किया है. इसके साथ स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर में काम किया है. इसके साथ बच्चों को एमएमएससी, प्रयास के लिए कराती हैं, जिससे उनका चयन होता है, और छात्रवृत्ति भी मिल रही है. 23 बच्चों को एनएनएससी में, दो प्रयास और दो श्रेष्ठा के लिए चयन हुआ है. उनके कार्य में उनके पति जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ शुभेंदु सिंह का सहयोग मिलता रहा है.

वहीं राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित कोरबा जिले के पीएम श्री स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय, सलोरा में पदस्थ संतोष कुमार चौरसिया ने लल्लूराम डॉट कॉम से चर्चा में इसे बच्चों और परिवार का अवार्ड बताते हुए कहा कि उनका समय लिया हुआ और जिनका समय दिया है, वे बच्चे हैं. उन्होंने बताया कि पुरस्कार के लिए उनका यह तीसरा प्रयास था. इसके पहले 2022 और 2024 में प्रयास किया था. नवोदय विद्यालय समिति से 154 शिक्षकों में दो में मेरा स्थान रहता था.
संतोष कुमार ने बताया कि उन्होंने आईसीटी और ‘खेल-खेल में विज्ञान’ में काम किया है. इसके पहले वे मध्यप्रदेश के राजपुर में विज्ञान पार्क का निर्माण किया था. छोटी-छोटी सामग्रियों से विज्ञान के संबंध में बताते हैं, जिसमें आटे की गोलियों से रसायन विज्ञान को बताया और लुडो से लोगों को मूल बातों को बताना शामिल है. उन्होंने बताया कि 10 साल विज्ञान शिक्षक रहे, और वर्तमान में रसायन विज्ञान शिक्षक हूं.

उन्होंने बताया कि वे नवोदय विद्यालय समिति का रिसोर्स पर्सन हूं. भोपाल रीजन में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के विज्ञान शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का काम किया. इसके साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उदयपुर, पुरी और हैदराबाद में प्रशिक्षक हैं. इसके अलावा पीएम विद्या चैनल पर कैसे वीडियो बनाए इसका प्रशिक्षण देते हैं. उन्होंने बताया कि वे छत्तीसगढ़ में वर्ष 2023 से पदस्थ हैं. इसके पहले मध्यप्रदेश के झाबुआ और ओडिशा में क्योंझर और मध्यप्रदेश के राजपुर में पदस्थ थे. इस दौरान उनका जापान का दस दिन का टूर भी था.
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