सुशील सलाम, कांकेर। अंतागढ़ के सरंडी धान खरीदी केंद्र में विभागीय अधिकारियों और सहकारी समिति की लापरवाही उजागर हुई है। उठाव समय पर नहीं होने से बारिश में लाखों का धान बोरियों सहित सड़ गया। धान सड़ने के मामले में अधिकारी और खरीदी केंद्र प्रभारी अब एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

केंद्र प्रभारी का कहना है कि समय पर धान का उठाव नहीं किया गया, जिसके कारण यह स्थिति बनी। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्रभारी केंद्र में धान खरीदी में गड़बड़ी छिपाने के लिए बहाने बना रहा है।

दरअसल, धान खरीदी की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 और उठाव की अंतिम तिथि 31 मार्च तय की गई थी, लेकिन विभागीय लापरवाही से सरंडी केंद्र से समय पर उठाव नहीं हो सका। नतीजा यह हुआ कि भारी बारिश के बीच लाखों का धान खराब हो गया।

घटना की जानकारी मिलते ही कांग्रेस पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता विश्राम गावड़े ने कहा कि प्रदेश सरकार की धान खरीदी नीति पूरी तरह फेल साबित हुई है। अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा के कई केंद्रों में अभी तक धान का उठाव नहीं हुआ है। बारिश में बोरियों सहित लाखों का धान खराब हो गया है। अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा किसान भुगत रहे हैं।

कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह जोरदार विरोध-प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगी।