रायपुर. डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए दवा वितरण और ओपीडी पंजीयन काउंटरों की संख्या बढ़ाई गई है. पहले जहां दवा वितरण के लिए 3 काउंटर थे, अब 5 काउंटर शुरू किए गए हैं. वहीं, ओपीडी पंजीयन के लिए काउंटरों की संख्या 3 से बढ़ाकर 4 कर दी गई है. मुख्य ओपीडी गेट के अलावा एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में कार्डियोलॉजी और कार्डियक सर्जरी, कैंसर विभाग और बुजुर्गों के लिए जिरियाट्रिक ओपीडी में भी मौके पर पंजीयन की सुविधा शुरू की गई है.


रोजाना 2200-2500 मरीजों का इलाज
अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 2200 से 2500 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. 1252 बेड वाले इस अस्पताल में करीब 1000 मरीज भर्ती रहते हैं. मुख्य ओपीडी पंजीयन काउंटर ग्राउंड फ्लोर पर है, जहां मेडिसिन, पीडियाट्रिक, ऑब्स एंड गायनी, ऑर्थोपेडिक, ईएनटी, जनरल सर्जरी, साइकेट्री, चेस्ट, स्किन और डेंटल विभागों के लिए पर्ची बनती है. इसके अलावा, एसीआई में कार्डियोलॉजी और कार्डियक सर्जरी, नई बिल्डिंग में कैंसर विभाग और पुराने ऑडिटोरियम के पास जिरियाट्रिक ओपीडी के लिए अलग-अलग पंजीयन काउंटर उपलब्ध हैं. इन विभागों में दवा वितरण के साथ-साथ ब्लड जांच और एक्स-रे की सुविधा भी है. हालांकि, अन्य विभागों के डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को मुख्य बिल्डिंग की ओपीडी में जाना पड़ता है.
मिनी दवा स्टोर और अलग-अलग काउंटर
अस्पताल में मिनी दवा स्टोर के अलावा पीडियाट्रिक, स्किन, मेडिसिन, नेत्र और कैंसर विभागों में ओपीडी के भीतर ही दवा वितरण की व्यवस्था है. बुजुर्गों के लिए भी अलग दवा स्टोर बनाया गया है. खासकर मेडिसिन विभाग में, जहां सबसे ज्यादा मरीज आते हैं, अलग दवा काउंटर से मरीजों को काफी राहत मिली है. अब उन्हें ग्राउंड फ्लोर पर नहीं जाना पड़ता. स्किन विभाग में दवा वितरण की व्यवस्था पहले से ही थी.
आयुष्मान भारत योजना के तहत कैशलेस इलाज
आयुष्मान भारत (शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना) के तहत भर्ती मरीजों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जा रही है. लगभग 98% मरीजों का इलाज मुफ्त हो रहा है. पंजीयन की सुविधा के लिए मुख्य गेट, एसीआई और कैंसर विभाग में आयुष्मान काउंटर बनाए गए हैं. मरीज अपने-अपने विभाग में कार्ड ब्लॉक और डिस्चार्ज की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. अन्य विभागों के लिए मुख्य गेट पर काउंटर उपलब्ध है.
टोकन सिस्टम की कमी से परेशानी
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल होने के बावजूद ओपीडी में टोकन सिस्टम की कमी मरीजों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है. मुख्य पंजीयन काउंटर पर मेडिसिन, पीडियाट्रिक, ऑब्स एंड गायनी, ऑर्थोपेडिक, ईएनटी, जनरल सर्जरी, साइकेट्री, चेस्ट, स्किन और डेंटल विभागों के लिए पंजीयन होता है, जिसके चलते यहां सबसे ज्यादा भीड़ रहती है. मरीजों का कहना है कि टोकन सिस्टम लागू होने से उनकी परेशानी कम हो सकती है.