हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर की जिला अदालत ने 16 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म के मामले में सौतेले पिता को पांच अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश सविता जड़िया ने DNA रिपोर्ट और पीड़िता की आपबीती को आधार मानते हुए यह फैसला सुनाया।
मामला 27 जुलाई 2022 का है, जब पीड़िता ने इंदौर के खुड़ैल थाने में अपने सौतेले पिता के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसका सौतेला पिता उसे झोपड़ी में बुलाकर कई बार दुष्कर्म करता था और धमकी देता था कि अगर उसने यह बात किसी को बताई तो वह उसे और उसकी मां को नुकसान पहुंचाएगा।
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आरोपी ने पीड़िता के साथ मारपीट भी की और उसका हाथ मोड़ दिया। अभियोजन के अनुसार, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2), 376(2)(एन), 376(3), 506, 323 और पॉक्सो अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। जांच के दौरान DNA रिपोर्ट ने आरोपी के अपराध को पुष्ट किया। हालांकि, सुनवाई के दौरान पीड़िता की मां अपने बयानों से पलट गई और पति को बचाने की कोशिश की, लेकिन DNA साक्ष्य और पीड़िता की गवाही के आधार पर कोर्ट ने सौतेले पिता को दोषी ठहराया।
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न्यायाधीश सविता जड़िया ने आरोपी को पांच धाराओं में आजीवन कारावास की सजा के साथ 6,000 रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा, पीड़िता को शारीरिक और मानसिक क्षति के लिए प्रतिकर योजना के तहत 2 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने की अनुशंसा भी की गई।
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