सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) ने सोमवार को देशभर में कई हाईकोर्ट के 14 जजों के तबादले की सिफारिश की है. इसमें मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जज अतुल श्रीधरन भी शामिल हैं, जो छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट जा सकते हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जज संजय अग्रवाल का भी इलाहबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर होगा. इनमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन जज भी शामिल हैं, उनका भी तबादला हो जाएगा. सिफारिश में पटना और बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी हैं.

इन जजों के अलावा कॉलेजियम ने मुंबई हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आलोक अराधे और पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपुल मनु भाई पंचोली के नाम प्रस्तावित किए हैं‌। दोनों जजों को सुप्रीम कोर्ट मे बतौर जज नियुक्ति की सिफारिश की गई है। हालांकि, कॉलेजियम में प्रस्तावित जजों की लिस्ट में से एक जज के नाम पर आम सहमति नहीं बन पाई है। कॉलेजियम की एक वरिष्ठ जज ने मुख्य न्यायाधीश विपुल मनु भाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने के खिलाफ मत दिया है। उन्होंने अपने नोट में ऐसी बात लिख दी है जिसकी अब हर जगह चर्चा हो रही है।

जस्टिस नागरत्ना ने जस्टिस पंचोली के नाम पर जताई आपत्ति

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आलोक अराधे और पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली के नामों की सिफारिश शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किए जाने के लिए केंद्र से की है। हालांकि, पांच जजों की कॉलेजियम में शामिल वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस बीवी नगरत्ना ने जस्टिस पंचोली की नियुक्ति के खिलाफ असंतोष का एक मजबूत नोट दर्ज कराया है।

उन्होंने अपने नोट में यह तथ्य रेखांकित किया कि जस्टिस पंचोली की शीर्ष अदालत में नियुक्ति न केवल न्याय के प्रशासन के लिए अनुपयोगी होगी, बल्कि कॉलेजियम प्रणाली की विश्वसनीयता को भी दांव पर लगाएगी। जस्टिस नागरत्ना के असहमति नोट में जस्टिस पंचोली के गुजरात हाई कोर्ट से पटना हाई कोर्ट में तबादले की परिस्थितियों का भी जिक्रकिया गया है।

Supreme Court Official Who Took Justice BV Nagarathna To School As Child  Now Senior Staff
जस्टिस नागरत्ना

4-1 के मत विभाजन के साथ फैसला

पांच सदस्यीय कॉलेजियम में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके महेश्वरी और खुद जस्टिस नागरत्ना शामिल थीं। कॉलेजियम में जस्टिस पंचोली के नाम पर जस्टिस नागरत्ना की असहमति के बाद 4-1 के मत विभाजन के साथ फैसला लेते हुए उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पोन्नत करने की सिफारिश की। कॉलेजियम में शीर्ष अदालत में अकेली महिला न्यायाधीश ने जस्टिस पंचोली की पदोन्नति का विरोध कर एक दुर्लभ स्थिति पैदा की है।

जानिए कौन हैं जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली

जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली का जन्म 28 मई 1968 को अहमदाबाद में हुआ। उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, अहमदाबाद से इलेक्ट्रॉनिक्स में विज्ञान स्नातक की डिग्री प्राप्त की, जिसके बाद सर एल. ए. शाह लॉ कॉलेज, गुजरात विश्वविद्यालय से कानून में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।

विपुल एम. पंचोली बने पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट  कॉलेजियम का अहम फैसला - Justice Vipul Pancholi Appointed Chief Justice of  Patna High Court
जस्टिस पंचोली

सितंबर 1991 में उन्होंने वकालत की शुरुआत की और गुजरात हाईकोर्ट में वकील के तौर पर काम किया। इसके बाद वे सहायक सरकारी वकील और अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में भी नियुक्त हुए। मार्च 2006 तक उन्होंने इस पद पर 7 वर्षों तक सेवाएं दीं।

24 जुलाई 2023 को उन्हें पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद 21 जुलाई 2025 को उन्होंने पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला।]

जानिए कौन हैं जस्टिस आलोक अराधे

जस्टिस आलोक अराधे का जन्म 13 अप्रैल 1964 को रायपुर में हुआ। उन्होंने 12 जुलाई 1988 को अधिवक्ता के रूप में पंजीकरण कराया और जबलपुर स्थित मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में सिविल, संवैधानिक, मध्यस्थता और कंपनी मामलों में वकालत की।

अप्रैल 2007 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा मिला। इसके बाद 29 दिसंबर 2009 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश और 15 फरवरी 2011 को स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। वे 20 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में स्थानांतरित हुए और 11 मई 2018 को वहां कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाए गए।

उच्च न्यायालयाच्या मुख्य न्यायमूर्तीपदी आलोक आराधे Mumbai Marathi News |  Alok Aradhe appointed as Chief Justice of the High Court | Latest Mumbai  News at Lokmat.com
जस्टिस आलोक अराधे

इसके बाद वे कर्नाटक हाईकोर्ट में भी न्यायाधीश रहे और 3 जुलाई 2022 से 14 अक्तूबर 2022 तक वहां कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दीं। फिर उन्हें 19 जुलाई 2023 को तेलंगाना हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। जनवरी 2025 में वे बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने।

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