दिलशाद अहमद, सूरजपुर. छत्तीसगढ़ में भाजपा नेता सूरजपुर भाजपा के पूर्व मंडल महामंत्री विशंभर यादव ने मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु की मांग की है. दरअसल दो साल पहले रायपुर में आयोजित प्रधानमंत्री मोदी की सभा में शामिल होने भाजपा के तत्कालीन मंडल महामंत्री अपने कार्यकर्ताओं को लेकर बस से जा रहे थे, इस दौरान बस बेमेतरा के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में गंभीर रूप से घायल भाजपा के तत्कालीन मंडल महामंत्री विशंभर यादव स्थायी विकलांगता के शिकार हो गए. आर्थिक रूप से कमजोर होने के साथ भाजपा संगठन की उपेक्षा से व्यथित होकर उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है.
बता दें कि विशंभर यादव का पूरा परिवार शुरू से ही भाजपा से जुड़े हुए हैं. उनके पिताजी आरएसएस से जुड़े हुए थे. विशंभर और उनकी पत्नी भाजपा के सक्रिय सदस्य रहे. दो साल पहले प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में कार्यकर्ता ले जाने की जिम्मेदारी उनको दी गई थी और वह बस में अपने कार्यकर्ताओं को लेकर जा रहे थे. इसी दौरान सड़क हादसे में विशंभर यादव गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना पर प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से सहानुभूति व्यक्त की थी और उस समय प्रदेश के बड़े भाजपा नेता उनका हाल-चाल जानने अपोलो हॉस्पिटल पहुंचे थे.

संगठन की तरफ से अपोलो से एम्स दिल्ली के लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई थी पर उसके बाद विशंभर यादव का हालचाल लेने वाला कोई नहीं है. छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार भी बन गई. उसके बाद भी आज वह इलाज के अभाव में बिस्तर में पड़े हुए हैं. लगातार दो वर्षों से उनका इलाज का खर्च परिवार उठा रहा है पर अब उनकी भी स्थिति बिगड़ने लगी है.
लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में विशंभर यादव ने कहा, इलाज में अभी तक 30 से 35 लाख रुपए खर्च हो गए हैं. उनके पास जो भी था वह सब लगा दिए, अब कुछ नहीं बचा है. घर की स्थिति को देखते हुए और अपने शारीरिक स्थिति से मजबूर होकर उन्होंने मुख्यमंत्री से इच्छा मृत्यु की मांग की है.
भाजपा अब पहले जैसा नहीं रहा : विशंभर यादव
विशंभर यादव ने कहा कि शरीर से बहुत ज्यादा मजबूर हो गया हूं और मेरे कारण परिवार भी परेशान हो गया है. जिस पार्टी के लिए मैंने अपना जीवन बिता दिया वहां से भी कुछ सहयोग नहीं मिलने के कारण अब मेरे पास मौत के सिवा कुछ बचा ही नहीं है, इसलिए मैंने इच्छा मृत्यु की मांग की है. उन्होंने कहा कि भाजपा अब पहले जैसा नहीं रहा. जैसे पहले कार्यकर्ताओं का सम्मान होता था. मेरा तो कोई हालचाल भी नहीं लेना चाहता. संगठन अगर मेरा सहयोग कर देता तो बहुत अच्छा होता.
पत्नी ने संगठन से की पति का इलाज कराने की मांग
विशंभर यादव की पत्नी ने बताया कि बहुत तकलीफ में परिवार चल रहा है. उन्होंने संगठन से मांग की है कि हमारे पति का इलाज करा दिया जाए. अब हमारी स्थिति वैसा नहीं है जिससे हम इनका कही बाहर ले जाकर अच्छे से इलाज करा सके. हमारी स्थिति को देखने पार्टी की तरफ से कोई नहीं आता. उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार बनी तो हमें लगा हमारी सुनवाई होगी पर सरकार बनने के बाद कोई नहीं पहुंचा. ना कोई हलचाल लेने आता है. हम भाजपा से बस यही चाहते हैं कि इनका अच्छे से इलाज कर दें. हमारा पूरा परिवार भाजपा के लिए समर्पित रहा है. पति की इलाज में बहुत खर्च हो गया, जिसके कारण हमारा परिवार आर्थिक रूप से बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को सर्वोपरि बताने वाली भाजपा अब उसके पति की कोई सुध नहीं ले रही है.
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