Rajasthan News: राजस्थान के संस्कृत शिक्षा विभाग ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने वाले चार वरिष्ठ अध्यापकों के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए उन्हें राजकीय सेवा से मुक्त कर दिया है। निदेशालय, संस्कृत शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन करवाया, जिसमें ये फर्जी पाए गए।

निदेशालय के आदेश के अनुसार, वरिष्ठ अध्यापक (संस्कृत शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2022 में निशक्तजन श्रेणी में चयनित अभ्यर्थियों को 9 दिसंबर 2024 और 18 दिसंबर 2024 को नियुक्ति दी गई थी। नियुक्ति के बाद इनके द्वारा जमा किए गए दिव्यांग प्रमाण पत्रों का सत्यापन सवाई मानसिंह चिकित्सालय, जयपुर के चिकित्सा अधिकारी द्वारा किया गया। सत्यापन में चार शिक्षक विष्णु कुमार (पुत्र बीरेंद्र सिंह), सुरेंद्र सिंह (पुत्र सत्यवीर सिंह), लोकेश राठौर (पुत्र चतुर्भुज राठौर) और संजीव कुमार (पुत्र रूप सिंह) निशक्तजन श्रेणी में अयोग्य पाए गए। इसके आधार पर इन्हें अपात्र मानते हुए सेवा से हटा दिया गया।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि चयन प्रक्रियाओं में गलत तरीकों से सरकारी सेवा में प्रवेश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सत्यापन में अपात्र पाए गए सभी अभ्यर्थियों को नौकरी से हटाया जाएगा।

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