भोपाल। सांस्कृतिक अभ्युदय के अंतर्गत संस्कृति विभाग के अंतर्गत प्रदेश में सम्पन्न सांस्कृतिक प्रकल्प सार्थक सिद्ध हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में विरासत के संरक्षण के साथ विकास के मंत्र पर कार्य हो रहा है। इस क्रम में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के आयोजन विक्रमोत्सव: 2025 को ‘ईमैक्स ग्लोबल अवार्ड’ ने ‘लांगस्टैंडिंग आईपी ऑफ द ईयर’ से सम्मानित किया है। ईमैक्स की टीम भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को यह सम्मान प्रदान करेगी।

इस वर्ष विक्रमोत्सव को मिलने वाला यह दूसरा अवार्ड है। ‘वाउ अवार्ड एशिया 2025’ ने भी एशिया के शासकीय समारोह की विशेष श्रेणी में विक्रमोत्सव को ‘गोल्ड अवॉर्ड’ दिया है। गत वर्ष विक्रमोत्सव : 2024 को एशिया का ‘बिगेस्ट रिलीजियस अवार्ड’ मिला था। मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार एवं महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि विक्रमोत्सव : 2025 का ‘ईमैक्स ग्लोबल अवार्ड’ से सम्मानित होना संपूर्ण मध्यप्रदेश और भारतीय संस्कृति के लिए गर्व का विषय है। यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि उज्जैन की धरती पर आयोजित विक्रमोत्सव केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा, गौरव और मूल्यों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने का सेतु बन चुका है।

मध्यप्रदेश को गौरवान्वित कर रही है…

विक्रम महोत्सव ने शास्त्र, कला, संगीत, नृत्य और साहित्य को आधुनिक समय से जोड़ा है, जिससे विश्वभर में भारतीय संस्कृति की गरिमा और प्रासंगिकता बढ़ी है। यह सम्मान मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सांस्कृतिक विरासत के प्रति समर्पण को समर्पित रहेगा, क्योंकि विक्रमोत्सव ने युवाओं को जड़ों से जोड़ने का कार्य किया है। विक्रमोत्सव ने विदेशी अतिथियों को भारतीय संस्कृति की गहराई से भी अवगत करवाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के सांस्कृतिक विरासत के प्रति लगाव और विकास के पथ पर आगे बढ़ने की दृढ़ इच्छाशक्ति मध्यप्रदेश को गौरवान्वित कर रही है।

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यह सम्मान केवल एक उत्सव का नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा का है। आने वाले वर्षों में विक्रमोत्सव को अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक संवाद का सबसे बड़ा मंच बनाया जाएगा। यह उपलब्धि अपनी परंपराओं को आधुनिक तकनीक, शोध और नवाचार के साथ जोड़कर विश्व पटल पर भारत की सांस्कृतिक ध्वजा को और ऊंचा करने की प्रेरणा देती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने की सराहना

नई दिल्ली में सम्राट विक्रमादित्य नाटक के मंचन और विक्रमोत्सव की गतिविधियों के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहना करते हुए अभिमत दिया था कि महान सम्राट विक्रमादित्य के गौरव और वैभव को जन-जन तक पहुंचाने के प्रयास अनुकरणीय हैं। सम्राट विक्रमादित्य का शासन काल जन-कल्याण, सुशासन और सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए जाना जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में यह आयोजन युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़कर आत्मविश्वास और कर्तव्यनिष्ठा की भावना से परिपूर्ण नागरिक बनाने में सहायक होगा।

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विक्रमोत्सव : 2025 में हुईं 300 से अधिक गतिविधियां

विक्रमोत्सव : 2025 के अंतर्गत 300 से अधिक विभिन्न सांस्कृतिक एवं बहुआयामी गतिविधियां सम्पन्न हुई हैं। महोत्सव में लाखों लोगों ने भागीदारी की। सोशल मीडिया के माध्यम से भी करोड़ों लोग विक्रमोत्सव से जुड़े। विक्रमोत्सव की बहुआयामी गतिविधियों में मध्यप्रदेश के सभी प्रमुख शिवरात्रि मेलों का आयोजन, कलश यात्रा, विक्रम व्यापार मेला, संगीत, नृत्य, वादन, शिवोह्म, आदि-अनादि पर्व समारोह, विक्रम नाट्य समोराह, चित्र प्रदर्शनियां, संगोष्ठी, भारतीय इतिहास समागम, राष्ट्रीय विज्ञान समागम, वेद अंताक्षरी, कोटि सूर्योपासना, शिल्प कला कार्यशाला, प्रकाशन, विक्रम पंचांग, पौराणिक फिल्मों का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, बोलियों एवं हिंदी रचनाओं का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, 1000 ड्रोन्स की प्रस्तुति और ख्यात कलाकारों की प्रस्तुतियां शामिल हैं।

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